पहले किराये पर लिया घर, फिर 28 लाख में बेचा, 20 साल पहले..

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक किराए पर रहने वाले व्यक्ति ने मकान को अपना बताकर 28.25 लाख रुपये में बेच दिया। खरीदार दंपती को जब हकीकत का पता चला, तो उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा?

बिहार के रहने वाले दुलार चंद्र कुमार, जो विक्रम एंक्लेव, साहिबाबाद में किराये पर रह रहे थे, ने उसी मकान को अपना बताकर इंद्रापुरी, दिल्ली निवासी बीना और उनके पति रविकुमार को बेच दिया। 18 दिसंबर 2024 को इस सौदे के तहत दंपती ने मकान खरीदा, लेकिन करीब एक सप्ताह बाद उन्हें पता चला कि जिस मकान को उन्होंने खरीदा है, उसका असली मालिक कोई और है।

जब इस धोखाधड़ी की जानकारी हुई, तो पीड़ित दंपती ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

फर्जी दस्तावेज बनाकर मकान बेचा

पुलिस को दी गई तहरीर में बीना और उनके पति रविकुमार ने बताया कि दुलार चंद्र ने न केवल खुद को मकान मालिक बताया, बल्कि फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर सौदा किया। जब दंपती ने रजिस्ट्री के दस्तावेजों की जांच कराई, तो वे नकली पाए गए।

शालीमार गार्डन पुलिस के मुताबिक, ये मामला अब थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है और असली मकान मालिक व आरोपी की जांच जारी है।

किराएदार ही बना फर्जी मालिक

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी दुलार चंद्र पिछले 20 वर्षों से इस मकान में किराये पर रह रहा था। इतने लंबे समय तक वहां रहने की वजह से उसे इलाके और मकान की पूरी जानकारी थी, जिसे उसने इस ठगी में इस्तेमाल किया।

आरोपी की तलाश में पुलिस

पुलिस के अनुसार, वर्तमान में आरोपी अपने भाई के साथ दिल्ली में रह रहा है, जो रक्षा मंत्रालय में कार्यरत है। एसीपी शालीमार गार्डन सलोनी अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश जारी है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

जालसाजी के मामलों में बढ़ोतरी

ये मामला उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है, जो बिना पूरी जांच-पड़ताल किए प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं। दिल्ली-एनसीआर में इस तरह की धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस भी लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रही है कि प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच कर लें और रजिस्ट्री के समय कानूनी विशेषज्ञ की सहायता लें।

साहिबाबाद में हुए इस जालसाजी के मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में सतर्कता बेहद जरूरी है। आरोपी किराए पर रहने के बावजूद खुद को मकान मालिक बताकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए सौदा करने में कामयाब हो गया। हालांकि, अब पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की उम्मीद है।

PM मोदी पर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, सुनकर नहीं होगा यकीन

Nostradamus predictions on Narendra Modi: 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस (Nostradamus) की भविष्यवाणियां अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। खासकर जब कोई बड़ा राजनीतिक या वैश्विक बदलाव होता है, तब लोग उनकी भविष्यवाणियों को मौजूदा घटनाओं से जोड़ने लगते हैं।

हाल ही में, एक बार फिर से नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से जोड़कर देखा जा रहा है। सोशल मीडिया और कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि नास्त्रेदमस ने 450 साल पहले ही भारत में एक शक्तिशाली नेता के उदय की भविष्यवाणी कर दी थी। लेकिन क्या इसमें कोई सच्चाई है? आइए जानते हैं।

क्या कहती है भविष्यवाणी?

नास्त्रेदमस की एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि 21वीं सदी में एक ऐसा शक्तिशाली नेता उभरेगा जो न केवल अपने देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा बल्कि पूरी दुनिया में उसका प्रभाव देखा जाएगा। इस भविष्यवाणी को कई लोग नरेंद्र मोदी से जोड़ते हैं, क्योंकि 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया है।

कुछ लोग ये भी दावा करते हैं कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में एशिया के एक राष्ट्रवादी नेता का जिक्र किया गया है, जो अपने देश की अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत को मजबूत करेगा। इस संदर्भ में मोदी सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat), ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) और ‘विकसित भारत’ (Viksit Bharat) जैसी योजनाओं को भी इस भविष्यवाणी से जोड़ा जाता है।

क्या वाकई मोदी के लिए थी ये भविष्यवाणी?

इतिहासकारों और विशेषज्ञों के अनुसार, नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां बेहद अस्पष्ट भाषा में लिखी थीं, जिससे उन्हें किसी भी घटना या व्यक्ति से जोड़ा जा सकता है। उनकी लिखी गई ‘Les Prophéties’ नामक पुस्तक में किसी देश या व्यक्ति का स्पष्ट रूप से नाम नहीं लिया गया है। इसलिए ये कहना मुश्किल है कि उन्होंने खास तौर पर नरेंद्र मोदी के बारे में भविष्यवाणी की थी।

हालांकि, ये भी सच है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीति (Diplomacy), अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षमता में जबरदस्त उछाल आया है। विश्व मंचों पर उनकी लोकप्रियता और प्रभाव बढ़ा है, जिससे कई लोग इस भविष्यवाणी को उनके साथ जोड़कर देखने लगे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल दावे

सोशल मीडिया पर इस विषय को लेकर कई पोस्ट और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि नास्त्रेदमस ने नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने और उनके नेतृत्व में भारत के शक्तिशाली बनने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों की सटीक व्याख्या नहीं होती, तब तक ऐसे दावों को पूरी तरह से सच मानना मुश्किल है।

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी मोदी के लिए

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां सदियों से रहस्य बनी हुई हैं। उनके कथनों को समय-समय पर विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं और नेताओं से जोड़ा जाता रहा है। नरेंद्र मोदी के संदर्भ में भी ऐसा ही हो रहा है। हालांकि, ये स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है कि नास्त्रेदमस ने वास्तव में भारत के प्रधानमंत्री के बारे में भविष्यवाणी की थी या नहीं। फिर भी, मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती ताकत और अंतरराष्ट्रीय पहचान को देखते हुए इस तरह की चर्चाएं स्वाभाविक रूप से होती रहेंगी।

शरीर के इस हिस्से में सोना छुपा कर लाती थी रान्या राव, 14.8 Kg सोना बरामद

Ranya Rao Gold Belt: बेंगलुरु के केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस रान्या राव को गोल्ड स्मगलिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने उनके पास से 14.8 किलोग्राम सोना बरामद किया।

बरामद किए गए सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपये बताई जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि रान्या इतने बड़े लेवल पर गोल्ड तस्करी कैसे कर रही थीं? आखिर रान्या इतना सोना कहां छुपा कर लाती थी। चलिए अब तक जो पुलिस को जानकारी मिली है वो आपको बता देते हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

DRI के अधिकारियों ने जनवरी 2025 से रान्या राव पर नजर रखना शुरू कर दिया था। इसकी वजह थी उनकी लगातार गल्फ देशों में यात्रा। सिर्फ 15 दिनों में चार बार उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्रा ने अधिकारियों को शक में डाल दिया।

  • जांच में पाया गया कि रान्या ने जनवरी 2025 से अब तक 10 बार गल्फ देशों की यात्रा की।
  • सबसे ज्यादा शक तब हुआ जब उन्होंने हर बार एक जैसी ड्रेस पहनी हुई थी।
  • उनकी ड्रेस की बेल्ट में सोना छिपाने की जगह थी, जिससे वो इसे आसानी से एयरपोर्ट सिक्योरिटी से पास कर सकती थीं।
  • ये भी बताया जा रहा है कि कथित तौर पर एक्ट्रेस ने अपनी बॉडी, जांघों और कमर पर टेप लगाकर और अपने कपड़ों और जैकेट के अंदर छिपाकर सोने की तस्करी की थी।

DGP पिता के नाम का इस्तेमाल

DRI की जांच में ये भी सामने आया कि रान्या राव किसी भी प्रकार के शक से बचने के लिए अपने डीजीपी पिता के नाम का इस्तेमाल करती थीं।

  • एयरपोर्ट पर उनसे कोई पूछताछ न करे, इसके लिए वो पुलिस अधिकारियों को खुद को रिसीव करने बुलाती थीं
  • इससे लोगों को ये लगता कि वो किसी VIP अधिकारी की बेटी हैं और उन पर कोई शक नहीं किया जाता।

फ्लैट पर छापा, करोड़ों की नकदी बरामद

रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद DRI ने बेंगलुरु के लावेल रोड स्थित उनके फ्लैट पर छापा मारा। जांच में जो खुलासा हुआ, वो हैरान करने वाला था।

  • 2 करोड़ रुपये के सोने के गहने बरामद हुए।
  • 2.67 करोड़ रुपये नकद भी जब्त किए गए।

पिता ने किया किनारा

रान्या राव के पिता रामचंद्र राव, जो कर्नाटक पुलिस में डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, ने इस मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है।

  • उन्होंने मीडिया से कहा कि रान्या उनकी सौतेली बेटी है और वो चार महीने पहले शादी के बाद से घर नहीं आई
  • उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है।

अब आगे क्या?

DRI की टीम अब ये जांच कर रही है कि रान्या राव का किसी इंटरनेशनल स्मगलिंग नेटवर्क से कनेक्शन था या नहीं।

  • क्या वो सिर्फ एक कैरियर थी या फिर किसी बड़ी क्रिमिनल गैंग का हिस्सा थीं?
  • उनके साथ और कौन-कौन इस रैकेट में शामिल था?
  • क्या गल्फ देशों में उनके किसी बड़े तस्करी नेटवर्क से संबंध थे?

कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की चमक-दमक के पीछे का यह बड़ा स्कैंडल अब सुर्खियों में है। DRI की जांच में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। आने वाले दिनों में यह पता चलेगा कि ये सिर्फ एक एक्ट्रेस का केस है या फिर इंटरनेशनल स्मगलिंग का बड़ा नेटवर्क

औरंगजेब ने भारत में कितने मंदिर बनवाए?, सच्चाई जानकर उड़ जाएगी नींद

How many temples built by Aurangzeb: मुगल शासक औरंगजेब का नाम भारतीय इतिहास में सबसे विवादित शासकों में गिना जाता है। आमतौर पर उन्हें हिंदू मंदिरों के विध्वंस के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या उन्होंने कभी भारत में मंदिर भी बनवाए? इस सवाल को लेकर इतिहासकारों में काफी बहस होती रही है।

औरंगजेब का शासन और मंदिरों की नीति

औरंगजेब (1658-1707) का शासनकाल मुगल साम्राज्य का सबसे लंबा शासनकाल था। उन्हें कट्टर इस्लामिक शासक के रूप में देखा जाता है, लेकिन उनके शासनकाल में कई ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण भी मौजूद हैं जो दिखाते हैं कि उन्होंने सिर्फ मंदिर तोड़े ही नहीं, बल्कि कुछ मंदिरों को बनवाया या दान भी दिया।

क्या औरंगजेब ने मंदिर बनवाए?

ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार, औरंगजेब ने कुछ मंदिरों को नष्ट किया, लेकिन कई स्थानों पर उन्होंने मंदिरों को संरक्षण भी दिया और उनके पुनर्निर्माण में योगदान दिया। उदाहरण के लिए:

  1. सोमनाथ मंदिर – कुछ प्रमाण बताते हैं कि औरंगजेब ने गुजरात में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त किया, लेकिन इसी दौरान उन्होंने कई छोटे मंदिरों को संरक्षण भी दिया।
  2. काशी के मंदिर – ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर को गिराया, लेकिन कुछ स्थानीय मंदिरों को दान भी दिया।
  3. महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन) – कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को भी संरक्षण दिया गया था।
  4. जैन मंदिरों को संरक्षण – राजस्थान और गुजरात में जैन मंदिरों को दान देने के भी प्रमाण मिले हैं।

औरंगजेब के फरमान और मंदिर संरक्षण

इतिहासकार सतीश चंद्र और आरसी मजूमदार जैसे शोधकर्ताओं के अनुसार, औरंगजेब के शासनकाल में कई ऐसे सरकारी फरमान (royal orders) जारी हुए थे, जिनमें हिंदू और जैन मंदिरों को संरक्षण देने की बात कही गई थी।

  1. गुजरात के सोमनाथ क्षेत्र में जैन मंदिरों को कर से मुक्त किया गया।
  2. काशी और मथुरा में कुछ मंदिरों को राजस्व छूट दी गई।
  3. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कुछ मंदिरों को जागीरें दी गईं।

तो फिर मंदिर क्यों तोड़े गए?

औरंगजेब द्वारा कई महत्वपूर्ण मंदिरों को गिराने के पीछे धार्मिक कारणों के साथ-साथ राजनीतिक कारण भी थे।

  1. राजनीतिक विद्रोह – जिन स्थानों पर राजपूत, मराठा या अन्य हिंदू शासक उनके खिलाफ विद्रोह कर रहे थे, वहां के मंदिरों को तोड़ना एक रणनीति के रूप में अपनाया गया।
  2. आर्थिक कारण – मुगल शासन के आर्थिक संकट के दौरान मंदिरों की संपत्ति को राजकोष में जोड़ा गया।
  3. धार्मिक कट्टरता – इस्लामिक मान्यताओं के चलते कुछ मंदिरों को ध्वस्त किया गया, खासकर जो मस्जिदों के पास पर बनाए गए थे।

ये कहना गलत नहीं होगा कि औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा, लेकिन ये भी सत्य है कि उन्होंने कुछ मंदिरों को संरक्षण दिया और उनके पुनर्निर्माण में सहयोग भी किया। इतिहास केवल एक पक्ष को देखने से समझ में नहीं आता, बल्कि सभी तथ्यों को देखने की जरूरत होती है।

औरंगजेब का शासनकाल धार्मिक से अधिक राजनीतिक रणनीतियों से भरा था, और इस दौरान कई नीतियों को लागू किया गया जो कभी-कभी विरोधाभासी लग सकती हैं। इसलिए, ये कहना कि औरंगजेब ने केवल मंदिर तोड़े या केवल मंदिर बनवाए, दोनों ही आधे-अधूरे सत्य होंगे।

वास्तविकता ये है कि उन्होंने कुछ मंदिरों को ध्वस्त किया, तो कुछ को संरक्षण भी दिया, जो उनकी शासन नीतियों का हिस्सा था।

सलमान ने दोस्तों संग पहले गैंगरेप किया, फिर तेजाब से मिटाया ॐ

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ हुए जघन्य अपराध का मामला सामने आया है। 14 साल की इस किशोरी को चार युवकों ने अगवा कर दो महीने तक बंधक बनाकर रखा और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

इस दौरान आरोपियों ने उसके हाथ पर बने “ॐ” के निशान को मिटाने के लिए तेजाब का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, जब पीड़िता ने खाने के लिए कुछ मांगा तो उसे जबरदस्ती बीफ खिलाया गया।

दो महीने तक दर्दनाक कैद

मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता की चाची ने भगतपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें 137(2), 70(1), 123, 127(4), 299, 351(3), 124(1), पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट भी शामिल है। पुलिस ने मुख्य आरोपी सलमान को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य तीन आरोपियों की तलाश जारी है।

कैसे हुआ अपहरण?

पीड़िता की चाची के अनुसार, 2 जनवरी 2025 को किशोरी अपने कपड़े सिलवाने बाजार जा रही थी, तभी रास्ते में गांव के ही सलमान, जुबैर, राशिद और आरिफ नाम के युवकों ने उसे जबरन कार में खींच लिया। इसके बाद उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया गया। जब लड़की को होश आया, तो वो एक कमरे में थी और उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। अगले दो महीनों तक आरोपियों ने उसके साथ बर्बरता जारी रखी।

परिवार की तलाश और घर वापसी

लड़की के लापता होने के बाद परिवार ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 3 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी। फिर 2 मार्च को लड़की किसी तरह घर वापस पहुंची। उसकी हालत बेहद गंभीर थी।

परिजनों ने बताया कि घर पहुंचने के बाद पीड़िता ने आपबीती सुनाई। उसने बताया कि जब भी वो होश में आती और कुछ खाने के लिए मांगती, तो आरोपी उसे जबरदस्ती बीफ खिलाते थे। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे धमकाया गया और प्रताड़ित किया गया।

ॐ का टैटू हटाने के लिए तेजाब का इस्तेमाल

शिकायत में बताया गया है कि पीड़िता के हाथ पर ॐ का टैटू बना हुआ था, जिसे आरोपी मिटाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने उसके हाथ पर तेजाब डाल दिया। इतना ही नहीं, उसे धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया, तो उसके चेहरे पर भी तेजाब डाल दिया जाएगा।

डराने-धमकाने के बाद भोजपुर में छोड़ा

लगातार दो महीने तक यातनाएं झेलने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को भोजपुर में छोड़ दिया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया, तो उसे और उसकी चाची को उठा लिया जाएगा।

पुलिस की कार्रवाई

मुरादाबाद एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि 3 मार्च को पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप हुआ है। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।

न्याय की मांग

घटना के बाद इलाके में आक्रोश है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

अबू आजमी को CM योगी की खुली धमकी, ‘UP में इलाज कर देंगे’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सपा के कुछ नेताओं के लिए औरंगजेब गर्व का विषय है, जिसने अपने ही पिता को कैद कर पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसा दिया था। उन्होंने कहा कि सपा का अपने विधायकों पर कोई नियंत्रण नहीं है और उसे इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अबू आजमी का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सपा को ऐसे नेता को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सपा इस बयान का खंडन नहीं करती और ऐसे नेता को पार्टी में बनाए रखती है, तो उसे यहां बुलाया जाए, यूपी उसका सही इलाज कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ऐसे तत्वों से निपटने में सक्षम है।

मुख्यमंत्री ने सपा के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग महाकुंभ को कोसते हैं लेकिन औरंगजेब पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने दोहराया कि अगर ऐसे लोगों को यूपी भेजा जाता है, तो उनका उचित ‘इलाज’ किया जाएगा। गौरतलब है कि अबू आजमी ने हाल ही में बयान दिया था कि वो औरंगजेब पर गर्व महसूस करते हैं, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

महाकुंभ के आयोजन की वैश्विक प्रशंसा

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद को संबोधित करते हुए महाकुंभ के भव्य आयोजन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये आयोजन ऐसा था जिसे पूरी दुनिया ने सराहा और लंबे समय तक याद रखा जाएगा। हालांकि, कुछ राजनीतिक दल इससे सहमत नहीं थे और उन्होंने महाकुंभ को लेकर गलत प्रचार किया, लेकिन इससे लोगों की आस्था प्रभावित नहीं हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन की दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां तक कि वे लोग भी इसकी तारीफ कर रहे हैं जो संघ की विचारधारा से नहीं जुड़े हैं। योगी ने कहा कि 45 दिन तक चले इस ऐतिहासिक आयोजन में एक भी लूट या अपहरण की घटना नहीं हुई, जो कि सनातन धर्म के सामाजिक अनुशासन का परिचायक है।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ इस बात का प्रमाण है कि भारत की सनातन संस्कृति किस प्रकार समाज को एकजुट रखती है। ये आयोजन दिखाता है कि पूरा देश एक है और जातिवाद व क्षेत्रवाद जैसी संकीर्ण सोच की इसमें कोई जगह नहीं है।

सपा पर सीधा वार

योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये पार्टी उन लोगों का समर्थन करती है जो समाज में विभाजन की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि सपा को ये तय करना चाहिए कि वो किस ओर खड़ी है—वह सनातन परंपराओं और भारत की संस्कृति का सम्मान करेगी या उन लोगों का समर्थन करेगी जो औरंगजेब जैसी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की अराजकता और असामाजिक तत्वों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में न केवल सपा की विचारधारा पर सवाल उठाए बल्कि महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता और सफलता को भी उजागर किया। उन्होंने साफ किया कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की नकारात्मक राजनीति को यहां स्वीकार नहीं किया जाएगा।

टैरिफ को लेकर ट्रंप का फिर बड़ा ऐलान, भारत को होगा नुकसान ?

Donald Trump on Tariffs: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में सर्वोच्च पद संभालने के बाद कांग्रेस को दिए अपने पहले बड़े संबोधन में कहा, “हम अभी शुरुआत कर रहे हैं।” उन्होंने कांग्रेस के संयुक्त सत्र में सबसे लंबे संबोधन का रिकॉर्ड बनाया, जहां उन्होंने एक घंटे और 40 मिनट से अधिक समय तक बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। क्लिंटन ने अपने कार्यकाल में 1 घंटे, 28 मिनट और 49 सेकंड का संबोधन दिया था।

अपने भाषण के दौरान, राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का एक पत्र भी पढ़ा। इस पत्र में ज़ेलेंस्की ने उल्लेख किया था कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते को लेकर बातचीत फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछली विस्फोटक बैठक के बाद भी, वो वार्ता की मेज पर लौटने के इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति के भाषण के दौरान रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने जोरदार तालियां बजाईं। विशेष रूप से दो अवसरों पर जब ट्रम्प ने प्रसिद्ध उद्योगपति एलन मस्क को संबोधित किया। मस्क भी सम्मान व्यक्त करने के लिए खड़े हुए। हालांकि, यह संबोधन पूरी तरह शांतिपूर्ण नहीं रहा। कुछ ही मिनटों बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया।

डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य अल ग्रीन को हंगामा करने के कारण बाहर निकालने का आदेश दिया गया। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन पर स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों को खत्म करने का आरोप लगाया और अपनी छड़ी लहराते हुए राष्ट्रपति का विरोध किया।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने भाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने घोषणा की कि 2021 में अफ़गानिस्तान से अमेरिकी वापसी के दौरान 13 सैनिकों की हत्या के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति को पाकिस्तान की मदद से गिरफ़्तार कर लिया गया है और अब उसे अमेरिका लाया जा रहा है, जहां वह न्याय का सामना करेगा।

व्यापार युद्ध को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि टैरिफ़ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है, लेकिन ये देश की आत्मा की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, “टैरिफ़ केवल अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए नहीं हैं, बल्कि वे हमारे देश की आत्मा की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।”

उनके इस बयान पर कांग्रेस में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। जबकि रिपब्लिकन सदस्यों ने इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम बताया, वहीं डेमोक्रेट्स ने इसे आम नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला बताया।

राष्ट्रपति ट्रम्प का ये संबोधन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनज़र। इस भाषण के बाद अमेरिकी राजनीति में नई चर्चाओं की शुरुआत हो सकती है, जहां उनकी नीतियों पर और अधिक बहस देखने को मिलेगी।

मर्दानगी की ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाएं?, 15 दिन में बदल जाएगी सूरत

मर्दानगी और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए सही खानपान का होना बेहद जरूरी है। हेल्दी डाइट न केवल पुरुषों की फिजिकल हेल्थ को बेहतर बनाती है, बल्कि टेस्टोस्टेरोन लेवल को भी बढ़ाने में मदद करती है, जिससे स्टैमिना और एनर्जी में सुधार होता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मर्दानगी की ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

1. सूखे मेवे (Dry Fruits) – नेचुरल एनर्जी बूस्टर

बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने में मदद करते हैं। ये न केवल इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं बल्कि मर्दानगी की ताकत को भी बढ़ाते हैं।

2. केला (Banana) – इंस्टेंट एनर्जी के लिए बेस्ट

केले में पोटैशियम और विटामिन B6 पाया जाता है, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। यह फलों का राजा कहा जाता है और पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद होता है, खासकर स्टैमिना बढ़ाने के लिए।

3. अंडे (Eggs) – प्रोटीन और विटामिन का बेहतरीन स्रोत

अंडे में प्रोटीन, विटामिन B5 और B6 होते हैं, जो हार्मोन बैलेंस बनाए रखते हैं। यह टेस्टोस्टेरोन लेवल को बूस्ट करने में मदद करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

4. लहसुन (Garlic) – ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने में मददगार

लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने में सहायक होता है। यह पुरुषों की मर्दानगी और स्टैमिना बढ़ाने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

5. चुकंदर (Beetroot) – नेचुरल नाइट्रिक ऑक्साइड बूस्टर

चुकंदर नाइट्रिक ऑक्साइड का बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। यह पुरुषों की ताकत और स्टैमिना को बढ़ाने के लिए एक सुपरफूड माना जाता है।

6. पालक (Spinach) – टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाने में मददगार

पालक में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह पुरुषों की फिजिकल फिटनेस के लिए भी अच्छा माना जाता है।

7. डार्क चॉकलेट – ब्लड फ्लो बेहतर करने के लिए फायदेमंद

डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं। यह पुरुषों में स्ट्रेस को कम करने और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।

8. अनार (Pomegranate) – टेस्टोस्टेरोन बूस्टर

अनार एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है। यह पुरुषों की ताकत बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन फल है।

9. मछली और सीफूड – जिंक और ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत

सैल्मन, ट्यूना और झींगा जैसी मछलियों में जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने और हार्ट हेल्थ को मजबूत करने में सहायक होते हैं।

10. शहद और अदरक – नेचुरल स्टैमिना बूस्टर

शहद और अदरक में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को एनर्जी देने के साथ-साथ ब्लड फ्लो को भी बेहतर बनाते हैं।

मर्दानगी की ताकत को बढ़ाने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। ऊपर बताए गए फूड्स न केवल आपकी बॉडी को हेल्दी बनाएंगे बल्कि टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाकर स्टैमिना और पावर को भी बूस्ट करेंगे। इसके अलावा, नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप अपनी मर्दानगी की ताकत को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।

अमेरिका के सामने यूक्रेन ने किया सरेंडर!, 500 बिलियन डॉलर में हुआ सौदा

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं। बीते दिन रूस के ड्रोन हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने सहयोगियों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की। इस बीच, युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनकी नीतियों के सामने आखिरकार जेलेंस्की को झुकना पड़ा है।

यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यूक्रेन ने अमेरिका के साथ एक प्रमुख खनिज सौदे को स्वीकार कर लिया है। इस सौदे का मूल्य 500 बिलियन डॉलर बताया जा रहा है। ये सौदा यूक्रेन की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वो रूस के साथ युद्ध समाप्त करने की वार्ता से पहले अमेरिका को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रहा है।

ट्रंप की नीति के आगे झुके जेलेंस्की?

डोनाल्ड ट्रंप लगातार रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ करार दिया था। अमेरिका ने लंबे समय से यूक्रेन पर खनिज समझौते के लिए दबाव बनाया हुआ था, जिसे स्वीकार करने से जेलेंस्की अब तक इनकार कर रहे थे। लेकिन अंततः, अमेरिकी दबाव के आगे यूक्रेन के राष्ट्रपति को झुकना पड़ा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को जेलेंस्की व्हाइट हाउस की यात्रा करने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें अमेरिका द्वारा प्रस्तावित खनिज सौदे पर सहमति बनने की संभावना जताई जा रही है। इस सौदे से यूक्रेन को उम्मीद है कि वो ट्रंप प्रशासन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर सकेगा, दीर्घकालिक सुरक्षा संबंधों को बेहतर बनाएगा और युद्ध को समाप्ति के करीब ले आएगा।

क्या है खनिज सौदे की अहमियत?

इस समझौते में खनिज, तेल और गैस जैसे प्रमुख संसाधन शामिल हैं। अमेरिका द्वारा ये सौदा तब पेश किया गया जब उसने संभावित राजस्व के 500 बिलियन डॉलर के हिस्से की अपनी मांग को छोड़ने का निर्णय लिया। यूक्रेन के उपप्रधानमंत्री और न्याय मंत्री ओल्हा स्टेफनिशिना ने बताया कि “खनिज समझौता तस्वीर का केवल एक हिस्सा है। हमने अमेरिकी प्रशासन से कई बार सुना है कि ये एक बड़ी रणनीतिक योजना का हिस्सा है।”

यूक्रेन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि अभी भी सौदे की कुछ शर्तों पर काम किया जा रहा है। इस समझौते की मूल शर्तें ट्रंप के फिर से सत्ता में लौटने के बाद तैयार की गई थीं। इस समझौते को लेकर यूक्रेन की ओर से शुरू में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।

क्योंकि आशंका जताई गई थी कि ये सौदा यूक्रेन को अमेरिका का आर्थिक गुलाम बना सकता है। पहले जेलेंस्की ने अधिकारियों को इस समझौते पर हस्ताक्षर न करने का निर्देश दिया था, जिससे अमेरिका नाराज हो गया था। इसके बाद ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ करार दे दिया और उन पर युद्ध शुरू करने का भी आरोप लगाया था।

अमेरिका पर यूक्रेन की निर्भरता

यूक्रेन लंबे समय से रूस के आक्रमण का सामना करने के लिए अमेरिका को अपने प्रमुख सैन्य सहयोगी के रूप में देखता रहा है। हालांकि, जनवरी में ट्रंप के पदभार संभालने के बाद से वाशिंगटन की नीति में बदलाव आया है। ट्रंप ने यूरोपीय सहयोगियों या यूक्रेन को शामिल किए बिना रूस के साथ सीधी बातचीत करने का रुख अपनाया है।

अधिकारियों के अनुसार, इस समझौते को यूक्रेन के न्याय, अर्थव्यवस्था और विदेश मंत्रालयों द्वारा पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। अब सबकी नजरें ट्रंप और जेलेंस्की की आगामी बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच वर्षों से अस्थिर संबंध रहे हैं। यदि इस बैठक में समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाता है, तो ये रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

गोविंदा और सुनीता का हुआ ग्रे तलाक!, क्या होता है ग्रे डिवोर्स ?

Govinda-Sunita Divorce: दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या भारत में रहती है, लेकिन तलाक की दर यहां दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर 100 जोड़ों में से सिर्फ एक जोड़े का तलाक होता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। खासतौर पर, सोशल मीडिया पर सेलेब्रिटीज के अलग होने की खबरें तेजी से वायरल होती हैं।

इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या, पूर्व ओपनर शिखर धवन, बॉलीवुड स्टार अरबाज खान-मलाइका अरोड़ा और नागा चैतन्य-सामंथा रुथ प्रभु जैसे कई सेलेब्रिटीज के तलाक चर्चा में रहे हैं। अब इसी सूची में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता आहूजा का नाम भी जुड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कपल ‘Grey Divorce’ लेने जा रहा है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

क्या होता है ग्रे डिवोर्स?

इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘Grey Divorce’ की चर्चा जोरों पर है, लेकिन बहुत से लोग इस टर्म से अनजान हैं। ग्रे डिवोर्स (Grey Divorce) एक ऐसा शब्द है, जिसका पहली बार इस्तेमाल अमेरिका में साल 2004 में किया गया था। ये सामान्य तलाक की तरह ही होता है, लेकिन इसे ग्रे डिवोर्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह 50 साल या उससे अधिक उम्र के कपल्स के बीच होता है।

पिछले कुछ दशकों में ग्रे डिवोर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। खासतौर पर अमेरिका, इंग्लैंड, वेल्स और भारत में भी इस तरह के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक रिसर्च के मुताबिक, 1990 के बाद से ग्रे डिवोर्स की दर दोगुनी हो चुकी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि साल 2030 तक ग्रे डिवोर्स की संख्या में तीन गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है।

ग्रे डिवोर्स के आंकड़े और ट्रेंड

ग्रे डिवोर्स का ट्रेंड दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। इंग्लैंड और वेल्स में 2005 से 2015 के बीच तलाक के मामलों में 28% तक गिरावट दर्ज की गई, लेकिन 65 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों में ग्रे डिवोर्स की दर 23% और महिलाओं में 38% बढ़ गई। अमेरिका में भी इस प्रकार के तलाक के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

भारत में पारंपरिक रूप से विवाह को जीवनभर निभाने की परंपरा रही है, लेकिन अब यहां भी तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। विशेष रूप से शहरी इलाकों में, जहां महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं और जीवन को अपने ढंग से जीने की चाह रखती हैं, वहां ग्रे डिवोर्स के मामले सामने आ रहे हैं।

गोविंदा और सुनीता आहूजा का रिश्ता – क्या सच में तलाक की ओर बढ़ रहा है?

गोविंदा और सुनीता आहूजा बॉलीवुड इंडस्ट्री के पॉपुलर कपल्स में से एक रहे हैं। दोनों ने कई मौकों पर अपनी स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग को दर्शाया है। लेकिन हाल ही में इनके बीच अनबन की खबरें मीडिया में छाई हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों के बीच कुछ समय से अनबन चल रही है।

ये कपल ग्रे डिवोर्स लेने की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, अभी तक इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गोविंदा और सुनीता की शादी 1987 में हुई थी और दोनों के दो बच्चे हैं। अगर ये तलाक होता है, तो ये बॉलीवुड के सबसे चर्चित ग्रे डिवोर्स में से एक होगा।

ग्रे डिवोर्स के पीछे की वजहें

विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रे डिवोर्स के बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं:

  • बदलती सोच और स्वतंत्रता: उम्र बढ़ने के साथ लोगों की प्राथमिकताएं बदलती हैं, और कई बार वे अकेले या किसी और के साथ नया जीवन शुरू करना चाहते हैं।
  • आर्थिक आत्मनिर्भरता: खासकर महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता ने उन्हें रिश्तों में समझौता न करने की हिम्मत दी है।
  • लाइफस्टाइल डिफरेंस: बढ़ती उम्र के साथ पार्टनर्स के बीच सोचने और जीने के तरीकों में अंतर आ सकता है।
  • सेकेंड इनिंग की चाहत: कुछ लोग जीवन के इस पड़ाव पर नई शुरुआत करने की इच्छा रखते हैं।

गोविंदा और सुनीता आहूजा का ग्रे डिवोर्स अभी केवल अटकलों का हिस्सा है, लेकिन यदि ये सच होता है, तो ये बॉलीवुड के सबसे चर्चित मामलों में से एक होगा। भारत में ग्रे डिवोर्स का ट्रेंड धीरे-धीरे बढ़ रहा है, और ये दर्शाता है कि बदलते समय के साथ रिश्तों की परिभाषा भी बदल रही है।

हालांकि, ये व्यक्तिगत पसंद और जीवनशैली से जुड़ा मामला है, और हर कपल का निर्णय उनके जीवन के अनुभवों पर निर्भर करता है। अब देखना होगा कि क्या ये खबर सच साबित होती है या सिर्फ अफवाहों तक सीमित रहती है।

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