Bollywood Divorce Actress : तलाक के बाद शानदार जिंदगी जी रहीं ये अभिनेत्रियां

Bollywood Divorce Actress : बॉलीवुड में रिश्ते बनना और टूटना आम बात है, लेकिन कई अभिनेत्रियां तलाक के बाद भी न केवल खुद को संभालने में कामयाब रहीं, बल्कि अपनी जिंदगी को शानदार तरीके से जी रही हैं। ये अभिनेत्रियां अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। आइए जानते हैं उन 10 अभिनेत्रियों के बारे में जिन्होंने तलाक के बाद भी अपने जीवन को पूरी शान से जिया।

Top 10 Bollywood Divorce Actress

1. करिश्मा कपूर (Actress Karisma Kapoor)

करिश्मा कपूर ने 2003 में बिजनेसमैन संजय कपूर से शादी की थी, लेकिन 2016 में दोनों का तलाक हो गया। तलाक के बाद करिश्मा ने खुद को पूरी तरह से अपने बच्चों और करियर पर फोकस किया। आज वो इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पहचान बनाए हुए हैं और एक सफल बिजनेसवुमन भी हैं।

2. मलाइका अरोड़ा (Actress Malaika Arora)

मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान की जोड़ी बॉलीवुड में काफी फेमस थी, लेकिन 2017 में दोनों का तलाक हो गया। तलाक के बाद मलाइका ने अपनी फिटनेस और करियर पर ध्यान दिया। आज वो एक सक्सेसफुल मॉडल, डांसर और बिजनेसवुमन हैं। अर्जुन कपूर के साथ उनका रिलेशनशिप भी काफी सुर्खियों में रहता है।

3. अमृता सिंह (Amrita Singh)

सैफ अली खान से तलाक के बाद अमृता सिंह ने अपने दोनों बच्चों, सारा अली खान और इब्राहिम अली खान को अकेले पाला। उन्होंने फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम कर खुद को मजबूत बनाए रखा। उनकी पर्सनल लाइफ भले ही चर्चा में न हो, लेकिन करियर में वो फिर से उभरकर सामने आईं।

4. कोंकणा सेन शर्मा (Actress Konkona Sen Sharma)

बंगाली एक्ट्रेस कोंकणा सेन शर्मा ने 2010 में रणवीर शौरी से शादी की थी, लेकिन 2015 में दोनों अलग हो गए। तलाक के बाद भी कोंकणा ने अपनी फिल्मों और निर्देशन में खुद को साबित किया। वो अब एक सफल डायरेक्टर और इंडिपेंडेंट सिनेमा की मजबूत पहचान हैं।

5. मनीषा कोइराला (Actress Manisha Koirala)

मनीषा कोइराला की शादी 2010 में सम्राट दहल से हुई थी, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला और 2012 में उनका तलाक हो गया। तलाक के बाद मनीषा ने अपने जीवन को फिर से संवारा और कैंसर को हराने के बाद भी वो अपने करियर में दोबारा मजबूती से लौटीं।

6. जेनिलिया डिसूजा (Actress Genelia Deshmukh D’souza)

हालांकि जेनिलिया का तलाक नहीं हुआ, लेकिन उनके बारे में ये अफवाह थी कि उनकी शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां हैं। उन्होंने खुद को फिल्मों और बिजनेस में व्यस्त रखा और आज वो एक सफल अभिनेत्री और उद्यमी हैं।

7. रवीना टंडन (Actress Raveena Tandon)

रवीना टंडन का अक्षय कुमार से ब्रेकअप काफी सुर्खियों में रहा, हालांकि उनकी शादी अनिल थडानी से हुई थी, जो सफल रही। लेकिन उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। तलाक के बाद भी रवीना ने अपनी जिंदगी को शानदार तरीके से जिया और फिल्मों व सामाजिक कार्यों में अपनी पहचान बनाई।

8. चित्रांगदा सिंह (Actress Chitrangada Singh)

चित्रांगदा सिंह ने ज्योति रंधावा से शादी की थी, लेकिन 2014 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने करियर पर फोकस किया और फिल्मों के अलावा कई ब्रांड एंडोर्समेंट्स और प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया।

9. पूजा भट्ट Actress (Pooja Bhatt)

महेश भट्ट की बेटी और बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने अपने पति से अलग होने के बाद खुद को करियर में पूरी तरह से झोंक दिया। उन्होंने फिल्म प्रोडक्शन और डायरेक्शन में हाथ आजमाया और सफलता भी हासिल की।

10. श्वेता तिवारी (Actress Shweta Tiwari)

टीवी की मशहूर एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने दो बार शादी की, लेकिन दोनों ही शादियां असफल रहीं। पहले राजा चौधरी और फिर अभिनव कोहली से तलाक के बाद श्वेता ने अपनी जिंदगी को नए सिरे से संवारा। आज वो अपने बच्चों के साथ एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं और टेलीविजन इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान बनाए हुए हैं।

इन अभिनेत्रियों ने ये साबित कर दिया कि तलाक जिंदगी का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है। उन्होंने न केवल अपने करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाया बल्कि खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाया। उनकी कहानियां उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो किसी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।

NCRTC Recruitment 2025: डिप्लोमा और डिग्री करने वालों के लिए निकली नौकरियां

NCRTC Recruitment 2025 : नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NCRTC) ने डिप्लोमा और डिग्री धारकों के लिए विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ncrtc.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 24 अप्रैल 2025 निर्धारित की गई है। चयन प्रक्रिया के तहत कंप्यूटर आधारित परीक्षा मई 2025 में आयोजित की जाएगी।

रिक्त पदों का विवरण

NCRTC भर्ती 2025 के अंतर्गत कुल 72 पदों पर भर्ती की जाएगी। पदानुसार रिक्तियों का विवरण निम्नानुसार है:

पद का नाम पद संख्या
जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) 16
जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रॉनिक्स) 16
जूनियर इंजीनियर (मैकेनिकल) 3
जूनियर इंजीनियर (सिविल) 1
प्रोग्राम एसोसिएट 4
असिस्टेंट एचआर 3
असिस्टेंट कॉरपोरेट हॉस्पिटैलिटी 1
जूनियर मेंटेनर (इलेक्ट्रिकल) 18
जूनियर मेंटेनर (मैकेनिकल) 10

NCRTC Recruitment Qualification

भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित शैक्षणिक योग्यताओं में से कोई एक पूरा करना आवश्यक है:

  • संबंधित क्षेत्र में तीन वर्षीय डिप्लोमा
  • आईटीआई (NCVT/SCVT)
  • बीसीए/बीएससी (कंप्यूटर साइंस)
  • बीबीए/बीबीएम
  • बैचलर डिग्री इन होटल मैनेजमेंट

आयु सीमा:

  • न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 25 वर्ष
  • आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क

श्रेणी आवेदन शुल्क
सामान्य (GEN) ₹1000
ओबीसी (OBC) ₹1000
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) ₹1000
अनुसूचित जाति (SC) ₹0 (निःशुल्क)
अनुसूचित जनजाति (ST) ₹0 (निःशुल्क)

NCRTC Recruitment Process

चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होंगे:

  1. कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) – मई 2025 में संभावित रूप से आयोजित की जाएगी।
  2. दस्तावेज़ सत्यापन (Document Verification) – परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा।
  3. मेडिकल टेस्ट (Medical Examination) – चयनित उम्मीदवारों को अंतिम चरण में मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा।

आवेदन प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

  1. आधिकारिक वेबसाइट ncrtc. in पर जाएं।
  2. करियर सेक्शन में जाकर “NCRTC भर्ती 2025” से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
  3. NEW REGISTRATION बटन पर क्लिक करें और अपनी डिटेल भरें।
  4. आवश्यक जानकारी भरकर फॉर्म सबमिट करें
  5. निर्धारित शुल्क (यदि लागू हो) जमा करें।
  6. आवेदन पत्र का प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

महत्वपूर्ण तिथियां

  • ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत: चालू
  • अंतिम तिथि: 24 अप्रैल 2025
  • परीक्षा तिथि (संभावित): मई 2025

NCRTC द्वारा निकाली गई ये भर्ती डिप्लोमा और डिग्री धारकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यदि आप पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और सरकारी क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने का मौका न गंवाएं। अधिक जानकारी के लिए ncrtc.in पर विजिट करें।

Minor Hindu Boy को मुसलमान बनाया, मांस खिलाया, खतना की और फिर जो हुआ…

Minor Hindu Boy Converted to muslim : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में एक चौंकाने वाला धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है, जिसमें एक 15 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर और धमकाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया।

आरोप है कि लड़के को डरा-धमकाकर कलमा पढ़वाया गया, मांस खिलाया गया और फिर नाई को बुलाकर उसका खतना भी कराया गया। जैसे ही इस घटना की जानकारी हिंदूवादी संगठनों को मिली, वे तुरंत लड़के को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

हिंदु लड़के को कलमा पढ़ाया

ये मामला जिले के थाना सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का है। पुलिस स्टेशन में उस समय हंगामा मच गया जब हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता एक नाबालिग लड़के को लेकर वहां पहुंचे। संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले 15 साल के इस लड़के को एक मुस्लिम व्यक्ति ने पहले कलमा पढ़ाया, फिर उसे मांस खिलाने के साथ-साथ उसका खतना भी करा दिया।

नाबालिग के पिता का बयान

लड़के के पिता ने बताया कि उनका बेटा प्रतिदिन राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में खेलने जाता था, लेकिन कुछ दिनों से वो चुप-चुप रहने लगा था। जब परिवार ने उससे बार-बार पूछताछ की, तो वह कुछ भी बताने से बचता रहा। बुधवार को प्यार से समझाने पर उसने पूरी घटना बताई।

पीड़ित ने बताया कि कुछ समय पहले रेलवे स्टेशन के पास उसकी मुलाकात इमरान नाम के एक व्यक्ति से हुई थी, जो उस पर विशेष ध्यान देने लगा। इमरान ने कई बार उसे पैसे भी दिए, जिससे वो लालच में आ गया। फिर एक दिन इमरान उसे रुड़की के पिरान कलियर ले गया, जहां उसने लड़के को इस्लाम अपनाने का लालच दिया। जब लड़के ने मना किया, तो इमरान उसे धमकाने लगा।

जबरन मुसलमान बनाने का आरोप

पीड़ित का आरोप है कि उसे जबरन कलमा पढ़वाया गया और मांस खिलाया गया। इसके बाद जब वे वापस लौटे, तो होली एंजेल स्कूल के पास अंसारी रोड पर मांगेराम नाई से उसका खतना करा दिया गया। पिता का आरोप है कि इस व्यक्ति ने उनके बेटे को हलीम भी खिलाया और उसका नाम बदलकर सूफियान रख दिया। खतना कराने के बाद लड़के को 2000 रुपये दिए गए और किसी से कुछ न कहने की धमकी दी गई।

पिता का आरोप है कि इमरान ने लड़के से कहा कि अब वो एक पक्का मुसलमान बन चुका है और उसे नियमित रूप से मस्जिद में नमाज अदा करनी होगी। इसके बाद, इमरान के साथ रहने वाला नूर अली उसे दिल्ली के कैलाश कॉलोनी सेक्टर-65 ले गया, जहां एक अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके बाद लड़के से कहा गया कि अब उसका पासपोर्ट बनवाकर दोनों को सऊदी अरब ले जाया जाएगा।

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आरोपी इमरान और नूर अली गिरफ्तार

सऊदी अरब जाने की बात सुनकर नाबालिग घबरा गया और उसने आखिरकार अपने परिवार को इस घटना के बारे में सब कुछ बता दिया। इसके बाद परिजनों ने हिंदूवादी संगठनों को सूचना दी, जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी इमरान और नूर अली को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है और अगर अन्य आरोपी भी इसमें संलिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दिलाई जाएगी और नाबालिग को उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इस घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त है, लेकिन प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है।

Kathua Encounter Live: तीन जवान बलिदान, 3 आतंकी ढेर, सर्च अभियान जारी

Kathua Encounter Live: जम्मू-कश्मीर के कठुआ (Kathua) जिले के घने जंगलों में गुरुवार (28 मार्च) को हुए आतंकवाद विरोधी अभियान में तीन जवान बलिदान हो गए। इस एनकाउंटर में सात पुलिसकर्मी, जिनमें एक DSP भी शामिल हैं, घायल हो गए हैं। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया गया। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है।

कैसे शुरू हुआ Kathua Encounter?

अधिकारियों के अनुसार, ये मुठभेड़ गुरुवार सुबह करीब 8 बजे शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर पुलिस को हाल ही में इलाके में घुसपैठ कर चुके आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। सुरक्षाबलों ने जैसे ही जंगल में प्रवेश किया, आतंकियों ने घात लगाकर फायरिंग शुरू कर दी।

घटना स्थल और आतंकियों की संख्या

ये मुठभेड़ राजबाग के घाटी जुथाना इलाके में जखोले गांव के पास हुई। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में करीब आधा दर्जन आतंकियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। ये आतंकी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सदस्य बताए जा रहे हैं। आतंकियों की मौजूदगी के कारण अब तक शहीद जवानों के शव बरामद नहीं किए जा सके हैं।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल पास

बाकी आतंकी भी होंगे ढेर- DGP

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात इस बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार रात को ही दो आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की थी, जिसके बाद एक और आतंकी के मारे जाने की खबर आई। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही बाकी छिपे हुए आतंकियों को भी ढेर कर दिया जाएगा।

पांच दिन से चल रहा था तलाशी अभियान

सुरक्षा एजेंसियां पिछले पांच दिनों से आतंकियों की तलाश में जुटी हुई थीं। रविवार को सान्याल के जंगलों में पांच आतंकवादी घुसपैठ कर चुके थे। पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद वे भागने में सफल रहे और करीब 20 किलोमीटर दूर जुथाना इलाके में छिप गए। गुरुवार सुबह पुलिस ने इन आतंकियों को फिर से घेर लिया और बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया।

सुरक्षा एजेंसियों ने अपनाई हाई-टेक रणनीति

इस ऑपरेशन में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम ने हिस्सा लिया। आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया गया, जिसमें ड्रोन, हेलीकॉप्टर, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों की मदद ली गई। इसके अलावा, संदिग्धों से पूछताछ भी की गई।

इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी

हालांकि, तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है, लेकिन अभी भी जंगलों में अन्य आतंकियों की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षाबल सतर्कता के साथ इलाके की तलाशी ले रहे हैं ताकि कोई भी आतंकी बच न सके। सुरक्षा कारणों से स्थानीय निवासियों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।

आतंकियों की घुसपैठ पर सवाल

इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घुसपैठ और सुरक्षा उपायों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। सुरक्षाबलों ने अपनी निगरानी और चौकसी को और मजबूत कर दिया है।

सरकार और सेना की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद सरकार ने कठुआ और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। सेना और सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय ने भी जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

शहीद जवानों को श्रद्धांजलि

इस मुठभेड़ में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों को पूरे देश से श्रद्धांजलि दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन शहीदों के परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दे रहा है।

कठुआ में हुआ ये एनकाउंटर आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की सतर्कता और उनके मजबूत इरादों को दर्शाता है। हालांकि, इस अभियान में तीन जवानों की शहादत ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि देश की सुरक्षा के लिए जवान किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। ऑपरेशन अभी जारी है, और जल्द ही सभी आतंकियों को मार गिराने की उम्मीद की जा रही है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल पास, बांग्लादेशियों के आधार कार्ड पर बड़ा खुलासा

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (27 मार्च 2025) को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 (Immigration and Foreigners Bill, 2025) पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा पर फैंसिंग लगाने के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है और घुसपैठियों के प्रति नरमी बरत रही है।

बंगाल सरकार पर फैंसिंग न होने देने का आरोप

अमित शाह ने कहा कि भारत-बांग्लादेश की 2216 किलोमीटर लंबी सीमा में से 1653 किलोमीटर तक बाड़ लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बाड़ के पास सड़क और चौकियां भी बनाई गई हैं। लेकिन 563 किलोमीटर की सीमा पर अभी भी सुरक्षा की जरूरत है, जिसमें से 112 किलोमीटर ऐसे इलाके हैं जहां भौगोलिक बाधाओं के कारण फैंसिंग नहीं लग सकती। बाकी बचे 450 किलोमीटर पर फैंसिंग हो सकती है, लेकिन बंगाल सरकार जमीन देने से इनकार कर रही है। इस मुद्दे पर सात बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचान पत्र देने का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर घुसपैठियों को पहचान पत्र देकर उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब घुसपैठिए असम के रास्ते भारत आते थे, लेकिन अब वे पश्चिम बंगाल से आ रहे हैं।

TMC सरकार उन्हें आधार कार्ड और नागरिकता प्रमाण पत्र जारी कर रही है।” उन्होंने दावा किया कि पकड़े गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों के पास पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के आधार कार्ड हैं। अमित शाह ने ये भी कहा कि इन अवैध प्रवासियों को वोटर कार्ड जारी कर दिया जाता है, जिससे वे अन्य राज्यों तक भी पहुंच रहे हैं।

घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत का इमिग्रेशन सिस्टम बहुत बड़ा और मजबूत है। उन्होंने कहा कि देश में व्यापार और शिक्षा के लिए आने वाले कानूनी प्रवासियों का स्वागत किया जाएगा, लेकिन जो लोग घुसपैठ कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी, अगर वे देश में अशांति फैलाने के मकसद से आते हैं, तो उनके साथ कठोरता से निपटा जाएगा।”

 

केंद्र बनाम राज्य की टकराहट तेज

अमित शाह के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा केवल ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। पार्टी का कहना है कि बंगाल सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

सीमाई सुरक्षा पर सरकार का रुख

केंद्र सरकार लंबे समय से अवैध घुसपैठ और सीमा सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपना रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सीमाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम और बीएसएफ की गश्त बढ़ाना शामिल है। हालांकि, बंगाल सरकार के सहयोग न देने के आरोपों से यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक रूप लेता जा रहा है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 से बदलेंगे हालात

अमित शाह के इस बयान से साफ है कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। आने वाले दिनों में ये देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और केंद्र सरकार इस मुद्दे को आगे कैसे बढ़ाती है। लेकिन इतना साफ है कि इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल आने से घुसपैठियों को निकालने में मदद मिल सकती है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 क्या है ?

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025, जिसे हाल ही में लोकसभा में पारित किया गया है, भारत में विदेशी नागरिकों के प्रवेश, ठहराव और निकास को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक विधेयक है। ये विधेयक चार पुराने कानूनों को निरस्त करता है।इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत करना और अप्रवासन प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।

ये विदेशी नागरिकों की गतिविधियों की निगरानी और उनके डेटा के संग्रह को अनिवार्य करता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह फर्जी पासपोर्ट जैसे उल्लंघनों के लिए कड़े दंड का प्रावधान करता है।

Alert ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ी तो होगा एक्शन, पासपोर्ट, लाइसेंस होंगे रद्द

मेरठ : रमजान महीने का आखिरी जुमा 28 मार्च को पड़ रहा है, जिसे अलविदा जुमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन को लेकर मेरठ पुलिस ने Alert जारी किया है। इस खास मौके पर नमाज (Namaz) अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों और ईदगाहों में इकट्ठा होते हैं। लेकिन इस बार मेरठ पुलिस प्रशासन ने सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं देने का कड़ा फैसला लिया है।

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त सजा भी दी जा सकती है।

सड़क पर नमाज पर रोक

मेरठ पुलिस प्रशासन ने इस साल सड़क पर नमाज पढ़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले भी ऐसे मामलों में कार्रवाई की गई थी और इस बार भी अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ते हुए पाया गया तो FIR दर्ज की जाएगी

मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पिछले साल भी सड़क पर नमाज पढ़ने के मामलों में करीब 200 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस बार प्रशासन ने पहले से ही सभी धर्मगुरुओं और इमामों को निर्देश दिए हैं कि लोग मस्जिदों और ईदगाहों में ही नमाज अदा करें और कानून का पालन करें।

मुस्लिम समुदाय ने फैसले पर जताई आपत्ति

मेरठ पुलिस के इस फैसले का मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया है। मुस्लिम नेताओं का कहना है कि अगर ये प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तो इसे सभी समुदायों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि किसी विशेष समुदाय को निशाना न बनाया जाए।

मुस्लिम संगठनों ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना है, तो ये सभी धर्मों और त्योहारों पर लागू होना चाहिए। किसी भी एक समुदाय के लिए अलग नियम बनाना अनुचित और भेदभावपूर्ण होगा।

संभल में शांति समिति की बैठक

मेरठ की तरह ही, संभल में भी प्रशासन ने त्योहारों को लेकर एक अहम बैठक की। ईद और नवरात्रि के मद्देनजर शांति समिति की बैठक में संभल सीओ अनुज चौधरी सहित कई अधिकारी और धर्मगुरु शामिल हुए।

संभल सीओ अनुज चौधरी ने इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा,
“अगर आपको ईद की सेवइयां खिलानी हैं, तो आपको गुजिया भी खानी पड़ेगी। अगर एक पक्ष खाता है और दूसरा नहीं, तो भाईचारा खत्म हो जाता है।”

उनका ये बयान धर्मों के बीच आपसी सद्भाव बनाए रखने की अपील के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से सभी समुदायों से अनुरोध किया गया कि वे एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करें और सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखें

क्या होगा प्रशासन का अगला कदम?

मेरठ और संभल प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नियमों के तहत ही दी जाएगी

इसके अलावा, मेरठ पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से निगरानी करने की भी योजना बनाई है, ताकि कानून का पालन सुनिश्चित किया जा सके। पुलिस और प्रशासन किसी भी तरह की अफवाहों या माहौल बिगाड़ने वाली गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखेगा

मेरठ प्रशासन का ये फैसला सार्वजनिक स्थलों के अतिक्रमण को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे समानता के सिद्धांत पर लागू करने की मांग की है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि कानून सभी के लिए समान है और इसका पालन हर नागरिक को करना चाहिए।

संभल में भी त्योहारों के मद्देनजर शांति समिति की बैठक आयोजित कर लोगों से भाईचारा बनाए रखने की अपील की गई। अब देखना ये होगा कि प्रशासन और मुस्लिम समुदाय के बीच इस मुद्दे पर कैसे समाधान निकलता है और क्या इस फैसले में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं

अफगानिस्तान में पृथ्वीराज चौहान की कब्र पर जूते क्यों मारते हैं ? क्या है सच ?

Prithviraj Chauhan Samadhi : सोशल मीडिया पर अक्सर ये दावा किया जाता है कि पाकिस्तान या अफगानिस्तान में स्थित पृथ्वीराज चौहान की कथित कब्र पर लोग जूते मारते हैं। इस खबर को लेकर इतिहास में रुचि रखने वाले लोग सवाल उठा रहे हैं कि इसकी सच्चाई क्या है? आइए इस दावे की पड़ताल करते हैं।

कौन थे पृथ्वीराज चौहान?

पृथ्वीराज चौहान 12वीं शताब्दी के एक महान हिंदू शासक थे, जिन्होंने दिल्ली और अजमेर पर शासन किया। वो चौहान वंश के राजा थे और अपनी वीरता और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने मोहम्मद गौरी के खिलाफ कई युद्ध लड़े, जिनमें से सबसे चर्चित तराइन का दूसरा युद्ध (1192) था। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को पराजय का सामना करना पड़ा और उन्हें कैद कर लिया गया। इसके बाद उनकी मृत्यु को लेकर कई तरह की कहानियाँ प्रचलित हैं।

क्या सच में पाकिस्तान या अफगानिस्तान में है उनकी कब्र?

ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को अफगानिस्तान के गजनी में ले जाकर बंदी बना लिया था और वहीं उनकी मृत्यु हुई। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जाता है कि पृथ्वीराज चौहान की कब्र गजनी में है, लेकिन इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। भारत में कई इतिहासकार मानते हैं कि ये केवल एक अफवाह है और पृथ्वीराज चौहान की असली समाधि भारत में ही हो सकती है।

जूते मारने का दावा कितना सही?

कई सोशल मीडिया पोस्ट और यूट्यूब वीडियो में ये दावा किया जाता है कि अफगानिस्तान के गजनी में पृथ्वीराज चौहान की कब्र पर स्थानीय लोग जूते मारते हैं। कहा जाता है कि ये परंपरा वहां सदियों से चली आ रही है, क्योंकि पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को युद्ध में कई बार हराया था। हालांकि, इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। इतिहासकारों का मानना है कि ये एक मनगढ़ंत कहानी हो सकती है, जिसे सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इतिहास पर राजनीति का असर?

इतिहास को लेकर कई बार राजनीति भी की जाती है। पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच हुए संघर्ष को धार्मिक नजरिए से देखा जाता है, जबकि यह मध्यकालीन सत्ता संघर्ष का एक हिस्सा था। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरों की सच्चाई की जांच करना जरूरी होता है, ताकि गलतफहमियां न फैले।

क्या कहना है विशेषज्ञों का?

इतिहासकारों का मानना है कि पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु और उनकी कब्र को लेकर कई तरह की कथाएँ प्रचलित हैं, लेकिन उनके अफगानिस्तान में होने के प्रमाण नहीं हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार सतीश चंद्र और रोमिला थापर का कहना है कि पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद उनका क्या हुआ, इस पर अभी भी विवाद है।

सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली खबरों पर आंख बंद करके भरोसा करना सही नहीं है। पृथ्वीराज चौहान भारत के वीर योद्धा थे और उनकी विरासत को सम्मान के साथ देखा जाना चाहिए। किसी भी ऐतिहासिक तथ्य को स्वीकार करने से पहले प्रमाणिक स्रोतों से उसकी पुष्टि करना जरूरी है। अफगानिस्तान में उनकी कब्र और वहां पर जूते मारने की परंपरा की कोई ठोस पुष्टि नहीं है, इसलिए इसे मात्र एक अफवाह ही माना जाना चाहिए।

Government Teaching Job का सुनहरा मौका, इस राज्या में सीधी हो रही भर्ती

Government Teaching Job : कई लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी की तलाश है। लेकिन आज ऐसे लोगों के लिए बड़ा मौका आया है। बड़ी बात ये है कि सरकारी शिक्षकों की ये सीधी भर्ती होगी। इतना ही नहीं इस भर्ती के लिए न कोई परीक्षा होगी न कोई और चक्कर। लेकिन इसके लिए एक छोटा से काम करना होगा। वो हम आपको बताने जा रहे हैं।

BPSC के तहत 2857 प्रधानाध्यापकों की सीधी भर्ती

बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के तहत 2857 प्रधानाध्यापकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। इससे उम्मीदवारों को एक सरल और सुगम प्रक्रिया के तहत नौकरी पाने का अवसर मिलेगा।

बिना लिखित परीक्षा होगी प्रधानाध्यापक की भर्ती

सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए लिखित परीक्षा को हटा दिया है। इसका मतलब यह है कि उम्मीदवारों को केवल योग्यता और अनुभव के आधार पर नौकरी मिलेगी। इससे उन उम्मीदवारों को लाभ होगा, जो योग्य तो हैं लेकिन लिखित परीक्षा की तैयारी में समय और संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते थे। ये कदम योग्य उम्मीदवारों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगा।

शिक्षकों के लिए आकर्षक वेतन और सुविधाएं

इस योजना के तहत चयनित प्रधानाध्यापकों को सरकार द्वारा आकर्षक वेतनमान दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें अन्य भत्तों का भी लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रधानाध्यापकों के वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए सालाना सवा दो अरब रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। यह न केवल शिक्षकों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि उन्हें अपने कर्तव्यों को और अधिक निष्ठा और समर्पण के साथ निभाने के लिए प्रेरित भी करेगा।

बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगी मजबूती

इस फैसले से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। योग्य प्रधानाध्यापक मिलने से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यह कदम स्कूलों के प्रबंधन को भी अधिक सशक्त बनाएगा, जिससे शिक्षा का माहौल सुधारने में सहायता मिलेगी।

सरकार लगातार शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रयासरत है और यह भर्ती उसी दिशा में एक अहम कदम है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और सरकारी स्कूलों को अधिक सक्षम बनाने के लिए यह फैसला मील का पत्थर साबित हो सकता है।

जल्द जारी होगी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी

भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया जल्द ही BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से वेबसाइट पर अपडेट चेक करते रहें, ताकि किसी भी महत्वपूर्ण सूचना से चूक न हो।

इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा कड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से योग्यता और अनुभव के आधार पर किया जाएगा, जिससे योग्य उम्मीदवारों को आगे बढ़ने का उचित अवसर मिल सके।

युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर

यह भर्ती अभियान बिहार के हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा। योग्य उम्मीदवारों को स्थायी और सम्मानजनक सरकारी नौकरी मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

इसके अलावा, यह योजना राज्य में बेरोजगारी दर को कम करने में भी सहायक होगी। शिक्षकों की भर्ती से न केवल सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि राज्य में युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

बिहार को शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम

बिहार सरकार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी और सरकारी स्कूलों का स्तर बेहतर होगा। जब सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे, तो शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठेगा।

सरकार का यह कदम न केवल शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि बिहार को एक शैक्षिक रूप से मजबूत राज्य बनाने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

BPSC के माध्यम से होने वाली 2857 प्रधानाध्यापकों की सीधी भर्ती बिहार के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर है। बिना लिखित परीक्षा के चयन प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नौकरी पाने का बेहतरीन मौका मिलेगा। साथ ही, सरकार द्वारा प्रधानाध्यापकों के वेतन और सुविधाओं पर भारी निवेश किया जा रहा है, जो शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन साबित होगा।

इस भर्ती प्रक्रिया से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। ये निर्णय बिहार को एक शैक्षिक रूप से मजबूत और विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें और समय पर आवेदन करें।

मुर्गे की हत्या पर पुलिस का एक्शन, दो पक्षों में चले लाठी-डंडे

बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। इस मामले में एक देशी मुर्गे की हत्या पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे विवाद की जड़ एक जमीन का मामला है, जो अब तूल पकड़ चुका है।

क्या है पूरा मामला?

ये घटना बलिया जनपद के पकड़ी थाना क्षेत्र के गढ़मलपुर गांव की है। गांव की निवासी आरती देवी और उनके पड़ोसी सूरज राम के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। हाल ही में ये विवाद फिर से भड़क गया और दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई।

इसी दौरान, आरोप है कि सूरज राम और उनकी पत्नी शीला देवी ने आरती देवी के पालतू देशी मुर्गे को ईंट-पत्थरों से मार-मारकर घायल कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

मुर्गे की हत्या पर हुई शिकायत

इस घटना के बाद पीड़िता आरती देवी, जो पंचमी राम की पत्नी हैं, ने पकड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई। अपनी तहरीर में उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि सुबह 8 बजे जब जमीन को लेकर विवाद हुआ, तो पड़ोसी सूरज राम और शीला देवी ने उनके मुर्गे पर हमला कर दिया। उन्होंने मुर्गे को पत्थरों से घायल कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इतना ही नहीं, जब आरती देवी ने इस पर विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें गालियां दीं और लात-घूंसों से मारपीट की। इस झगड़े में आरती देवी के सिर पर भी चोट आई। उनकी चीख-पुकार सुनकर जब लोग इकट्ठा हुए, तो आरोपी जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए।

पुलिस की कार्रवाई

पकड़ी थानाध्यक्ष लालमणि सरोज ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच पहले से ही जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जो अब मारपीट तक पहुंच गया। इस झगड़े में एक देशी मुर्गे की भी जान चली गई।

आरती देवी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गांव में चर्चा का विषय बना मामला

ये मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है। लोग हैरान हैं कि एक जमीन विवाद में अब एक पालतू मुर्गे की हत्या को लेकर कानूनी कार्रवाई हो रही है। पुलिस अब दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है, ताकि इस विवाद का सही समाधान निकाला जा सके।

रोजे में खेल रहा था पाकिस्तानी क्रिकेटर, तभी हुआ कुछ ऐसा, रो पड़े लोग

Pakistan Cricketer Junaid Zafar Khan Died in Roza : क्रिकेट जगत से एक दुखद खबर सामने आई है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तानी मूल के क्रिकेटर जुनैद जफर खान का निधन हो गया। उनकी उम्र 40 साल के करीब थी।

गर्मी में 40 ओवर तक की फील्डिंग

जुनैद क्लब स्तर के क्रिकेटर थे और शनिवार को खेले गए मैच के दौरान उन्होंने अत्यधिक गर्मी में करीब 40 ओवर तक फील्डिंग की। उस दिन तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था, जिससे खिलाड़ियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

मैच के दौरान बिगड़ी तबीयत

करीब शाम 4 बजे मैच के दौरान ही जुनैद की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। देखते ही देखते वो मैदान पर बेहोश होकर गिर पड़े। तुरंत मेडिकल टीम को बुलाया गया और एंबुलेंस भी मंगवाई गई, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

क्लब की ओर से जताया गया शोक

जुनैद एडिलेड के ओल्ड कॉनकॉर्डियंस क्रिकेट क्लब के लिए खेल रहे थे। ये मुकाबला कॉनकॉर्डिया कॉलेज में प्रिंस अल्फ्रेड ओल्ड कॉलेजियंस के खिलाफ था। जुनैद ने इस मैच में लगभग 7 ओवर बल्लेबाजी की और 16 रन बनाकर नाबाद रहे।

उनकी अचानक हुई मृत्यु से क्रिकेट क्लब में शोक की लहर दौड़ गई। क्लब ने एक बयान जारी कर कहा, “हम अपने एक स्टार सदस्य के निधन से गहरे दुखी हैं। मैच के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और तमाम प्रयासों के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा सके। हमारे विचार उनके परिवार, दोस्तों और टीम के साथियों के साथ हैं।”

रमजान के दौरान रख रहे थे रोजे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जुनैद रमजान के दौरान रोजे रख रहे थे। ऐसे में गर्मी और निर्जलीकरण की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।

2013 में पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया आए थे

रिपोर्ट्स के अनुसार, जुनैद टेक सेक्टर में काम करने के लिए 2013 में पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया आए थे। क्रिकेट के प्रति उनका गहरा लगाव था और इसी वजह से वो ऑस्ट्रेलिया में एक स्थानीय क्लब के लिए खेलते थे।

उनकी असामयिक मृत्यु से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार, दोस्तों और साथियों को ये नुकसान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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