Bihar Election 2025 : Nitish Kumar ने अमित शाह के सामने मानी गलती

Bihar Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव की हवा अभी से चलने लगी है। नेताओं के बयान इस हवा को तेज कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सामने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपनी गलती मानी है। इतना ही नहीं इस दौरान अमित शाह ने जमकर RJD और लालु प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर तीखे वार किए हैं।

दरअसल, राजधानी पटना में आयोजित सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर NDA की सरकार बनेगी और इस बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी होगी। इस बयान से अमित शाह ने स्पष्ट संकेत दिया कि मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार ही NDA के चेहरा होंगे।

‘मोदी सरकार ने 60 करोड़ गरीबों के लिए काम किया’

अमित शाह ने अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गरीबों के लिए किए गए कार्यों का ज़िक्र किया। उन्होंने लालू यादव को चुनौती देते हुए कहा, “अगर आपने गरीबों के लिए कुछ किया है, तो बताइए।” उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव की सरकार ने गरीबों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने का काम किया है, जिससे गरीबों को सीधा लाभ मिल रहा है।

‘लालू-राबड़ी शासनकाल को कहा जंगलराज’

अपने भाषण में अमित शाह ने बिहार में सहकारिता क्षेत्र के विस्तार पर ज़ोर देते हुए कहा कि इससे राज्य को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने लालू यादव के कार्यकाल की आलोचना करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में बिहार का विकास ठप हो गया था, चीनी मिलें बंद हो गईं और अपराध अपने चरम पर था। “1990 से 2005 तक बिहार में अपराध, लूटपाट और रेप की घटनाएं आम थीं। इसी कारण लालू-राबड़ी की सरकार को जंगलराज कहा जाता है।” उन्होंने जनता से अपील की कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनाएं ताकि विकास की गति को और तेज़ किया जा सके।

‘लालू-राबड़ी की सरकार में बिहार हुआ बर्बाद’

अमित शाह ने लालू यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा, लेकिन लालू यादव से बस एक सवाल है – जब आप UPA सरकार में मंत्री थे, तब आपने बिहार के लिए केंद्र से कितना फंड लिया?” उन्होंने दावा किया कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में बिहार पूरी तरह बर्बाद हो गया था, जबकि NDA सरकार के दौरान राज्य में विकास के नए अवसर पैदा हुए हैं। “आज 8000 करोड़ रुपये की लागत से बिहार में पुलों का निर्माण हो रहा है और मखाना बोर्ड बनाया गया है, जिससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।”

‘मुझसे दो बार गलती हो गई’ – नीतीश कुमार

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने अपने पिछले फैसलों को लेकर आत्मस्वीकृति की और कहा, “मुझसे दो बार गलती हो गई, लेकिन अब कभी नहीं होगी।” उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को याद करते हुए कहा कि वाजपेयी जी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था और वो इसे कभी नहीं भूल सकते।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल पास

नीतीश कुमार ने लालू के शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले बिहार की स्थिति इतनी खराब थी कि लोग शाम को घर से बाहर निकलने से डरते थे। हिंदू-मुस्लिम दंगे आम थे, शिक्षा व्यवस्था बदहाल थी और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति दयनीय थी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे एकजुट रहें और राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करें। “बिहार के विकास में केंद्र सरकार का सहयोग मिल रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा।”

Bihar Election 2025  के लिए अपील

कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि बिहार को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए एनडीए की सरकार जरूरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर बिहार में एनडीए सरकार बनती है, तो बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू किया जाएगा और किसानों को अधिकतम लाभ मिलेगा। “आज दलहन की हर फसल एमएसपी पर खरीदी जा रही है, जिससे किसानों की आय बढ़ी है।”

अमित शाह के इस भाषण के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर उन्होंने लालू यादव और उनकी पार्टी आरजेडी पर निशाना साधा, वहीं दूसरी ओर उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देने का संकेत दिया। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता 2025 में किसे सत्ता की कुर्सी सौंपती है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल पास, बांग्लादेशियों के आधार कार्ड पर बड़ा खुलासा

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (27 मार्च 2025) को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 (Immigration and Foreigners Bill, 2025) पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा पर फैंसिंग लगाने के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है और घुसपैठियों के प्रति नरमी बरत रही है।

बंगाल सरकार पर फैंसिंग न होने देने का आरोप

अमित शाह ने कहा कि भारत-बांग्लादेश की 2216 किलोमीटर लंबी सीमा में से 1653 किलोमीटर तक बाड़ लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बाड़ के पास सड़क और चौकियां भी बनाई गई हैं। लेकिन 563 किलोमीटर की सीमा पर अभी भी सुरक्षा की जरूरत है, जिसमें से 112 किलोमीटर ऐसे इलाके हैं जहां भौगोलिक बाधाओं के कारण फैंसिंग नहीं लग सकती। बाकी बचे 450 किलोमीटर पर फैंसिंग हो सकती है, लेकिन बंगाल सरकार जमीन देने से इनकार कर रही है। इस मुद्दे पर सात बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचान पत्र देने का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर घुसपैठियों को पहचान पत्र देकर उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब घुसपैठिए असम के रास्ते भारत आते थे, लेकिन अब वे पश्चिम बंगाल से आ रहे हैं।

TMC सरकार उन्हें आधार कार्ड और नागरिकता प्रमाण पत्र जारी कर रही है।” उन्होंने दावा किया कि पकड़े गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों के पास पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के आधार कार्ड हैं। अमित शाह ने ये भी कहा कि इन अवैध प्रवासियों को वोटर कार्ड जारी कर दिया जाता है, जिससे वे अन्य राज्यों तक भी पहुंच रहे हैं।

घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत का इमिग्रेशन सिस्टम बहुत बड़ा और मजबूत है। उन्होंने कहा कि देश में व्यापार और शिक्षा के लिए आने वाले कानूनी प्रवासियों का स्वागत किया जाएगा, लेकिन जो लोग घुसपैठ कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी, अगर वे देश में अशांति फैलाने के मकसद से आते हैं, तो उनके साथ कठोरता से निपटा जाएगा।”

 

केंद्र बनाम राज्य की टकराहट तेज

अमित शाह के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा केवल ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। पार्टी का कहना है कि बंगाल सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

सीमाई सुरक्षा पर सरकार का रुख

केंद्र सरकार लंबे समय से अवैध घुसपैठ और सीमा सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपना रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सीमाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम और बीएसएफ की गश्त बढ़ाना शामिल है। हालांकि, बंगाल सरकार के सहयोग न देने के आरोपों से यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक रूप लेता जा रहा है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 से बदलेंगे हालात

अमित शाह के इस बयान से साफ है कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। आने वाले दिनों में ये देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और केंद्र सरकार इस मुद्दे को आगे कैसे बढ़ाती है। लेकिन इतना साफ है कि इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल आने से घुसपैठियों को निकालने में मदद मिल सकती है।

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 क्या है ?

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025, जिसे हाल ही में लोकसभा में पारित किया गया है, भारत में विदेशी नागरिकों के प्रवेश, ठहराव और निकास को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक विधेयक है। ये विधेयक चार पुराने कानूनों को निरस्त करता है।इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत करना और अप्रवासन प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।

ये विदेशी नागरिकों की गतिविधियों की निगरानी और उनके डेटा के संग्रह को अनिवार्य करता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह फर्जी पासपोर्ट जैसे उल्लंघनों के लिए कड़े दंड का प्रावधान करता है।

जम्मू कश्मीर का बदलेगा नाम ?, Amit Shah ने किया इशारा!

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के बयान से कश्मीर के नाम को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है। गुरुवार (2 जनवरी) को ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “ये संभव है कि कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर पड़ा हो, क्योंकि इसे कश्यप की भूमि के नाम से भी जाना जाता है।”

ऐतिहासिक तथ्यों पर जोर

अमित शाह ने कार्यक्रम में इतिहासकारों से अपील की कि वे इतिहास को प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर लिखें। उन्होंने कहा, “150 साल का एक दौर था जब इतिहास दिल्ली तक ही सीमित रहा। वो समय शासकों को खुश करने का था, लेकिन अब इतिहास को मुक्त करने का समय है।”
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे हजारों साल पुराने इतिहास को तथ्यों के साथ संजोने की आवश्यकता है।

अनुच्छेद 370 पर चर्चा

कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 और 35-ए का जिक्र करते हुए कहा कि इन प्रावधानों ने कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में बाधा उत्पन्न की। उन्होंने कहा, “आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर का विकास तेज हुआ है।”
अमित शाह ने दावा किया कि आर्टिकल 370 के कारण कश्मीर में अलगाववाद की स्थिति पैदा हुई, जो बाद में आतंकवाद में बदल गई।

विकास के नए आयाम

गृहमंत्री ने ये भी कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास को सही तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर प्रस्तुत किया जाए, ताकि भारत का गौरवशाली अतीत लोगों तक पहुंचे।

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