Navratri Ashtami Puja : नवरात्रि का पावन पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जिसे विशेष रूप से माता महागौरी की आराधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत, हवन और कन्या पूजन (Navratri Ashtami Puja) का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं नवरात्रि अष्टमी पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी खास बातें।
अष्टमी तिथि का महत्व
महाअष्टमी तिथि को देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता महागौरी का स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और दयालु है। इस दिन भक्त विशेष पूजा-अर्चना कर देवी से सुख-समृद्धि, शांति और सिद्धि की कामना करते हैं।
कब है महाअष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 8 अप्रैल 2025 को प्रातः 10:45 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 9 अप्रैल 2025 को सुबह 9:30 बजे
- पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: 8 अप्रैल 2025 को दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
(मुहूर्त स्थान एवं पंचांग अनुसार भिन्न हो सकता है)
महाअष्टमी पूजन विधि (Navratri Ashtami Puja)
1. संकल्प और स्नान:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें और पूजन का संकल्प लें।
2. देवी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना:
- मां महागौरी की मूर्ति या चित्र को लाल या सफेद वस्त्र पर स्थापित करें।
- उनके चरणों में फूल, चंदन, रोली और अक्षत अर्पित करें।
3. मंत्र जाप और पूजा सामग्री:
- देवी को सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी और सुहाग सामग्री चढ़ाएं।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या महागौरी स्तोत्र का जाप करें।
- “ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
4. हवन और आहुति:
- हवन कुंड में आम की लकड़ी और घी से हवन करें।
- हवन में “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र से आहुति दें।
5. कन्या पूजन:
- 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को घर बुलाकर पूजा करें।
- कन्याओं के पैर धोकर तिलक लगाएं और भोजन कराएं।
- उन्हें वस्त्र, दक्षिणा और उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
महाअष्टमी व्रत का महत्व
- इस दिन उपवास रखने से समस्त पापों का नाश होता है।
- माता महागौरी की कृपा से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- संतान प्राप्ति और आर्थिक संपन्नता के लिए भी इस दिन व्रत किया जाता है।
महाअष्टमी को करें ये खास उपाय
कर्ज से मुक्ति: मां महागौरी को श्वेत पुष्प अर्पित करें और “ॐ ह्रीं महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
दांपत्य सुख के लिए: देवी को लाल चूड़ी और सुहाग सामग्री अर्पित करें।
धन प्राप्ति के लिए: घर के मुख्य द्वार पर गंगाजल छिड़कें और माता को गुड़-चने का भोग लगाएं।
नौकरी और बिजनेस में सफलता: कन्या पूजन कर उन्हें मिठाई और दक्षिणा दें।
महाअष्टमी पर क्या करें और क्या न करें?
करें:
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
माता को सफेद वस्त्र और कमल पुष्प अर्पित करें।
कन्या पूजन के बाद उन्हें ससम्मान विदा करें।
ना करें:
प्याज-लहसुन और मांसाहार का सेवन न करें।
घर में कलह या अपशब्दों का प्रयोग न करें।
पूजा के दौरान अपवित्र स्थानों पर न जाएं।
महाअष्टमी का दिन शक्ति की उपासना और भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस नवरात्रि, महाअष्टमी पर पूरे विधि-विधान से पूजन कर मां महागौरी की कृपा प्राप्त करें।
नवरात्रि अष्टमी कन्या पूजन: शुभ मुहूर्त और विधि
नवरात्रि के पावन पर्व में महाअष्टमी का विशेष महत्व है, और इस दिन कन्या पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से आठवें स्वरूप मां महागौरी की आराधना के लिए यह दिन बेहद पावन होता है। धार्मिक मान्यता है कि कन्याओं को देवी का ही स्वरूप माना जाता है, इसलिए इस दिन कन्या पूजन से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं महाअष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 2025
🔹 अष्टमी तिथि प्रारंभ: 8 अप्रैल 2025 को प्रातः 10:45 बजे
🔹 अष्टमी तिथि समाप्त: 9 अप्रैल 2025 को सुबह 9:30 बजे
🔹 कन्या पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: 8 अप्रैल को दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
(शुभ मुहूर्त स्थान और पंचांग के अनुसार भिन्न हो सकता है, इसलिए अपने स्थानीय ज्योतिषाचार्य से भी परामर्श करें।)
नवरात्रि का ये पावन दिन विशेष आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। सच्चे मन से कन्या पूजन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस महाअष्टमी, पूरे विधि-विधान से कन्या पूजन करें और मां महागौरी की कृपा प्राप्त करें।
आपको और आपके परिवार को महाअष्टमी की शुभकामनाएं!