वाराणसी : भारत में होली के कई रंग हैं, लेकिन बनारस की मसान होली अपने अनोखे अंदाज के लिए मशहूर है। यहां होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि मृत्यु और जीवन के बीच का अद्भुत संगम है। ये अनूठी परंपरा काशी के मणिकर्णिका घाट पर होती है, जहां जलती चिताओं के बीच गुलाल उड़ता है और भूतभावन भगवान शिव के भक्त अनोखे अंदाज में ये पर्व मनाते हैं।
क्या है मसान होली?
मसान होली का आयोजन महाशिवरात्रि के बाद पड़ने वाली एकादशी को किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव खुद महाश्मशान वासी हैं और मृत्यु के इस सत्य को स्वीकार करना ही मोक्ष की ओर बढ़ने का मार्ग है। इसलिए, भक्त मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म और रंगों के साथ होली खेलते हैं।
कैसे होती है मसान होली?
- अघोरी साधुओं की अनूठी परंपरा – मसान होली में अघोरी साधु विशेष रूप से भाग लेते हैं। वे शव भस्म को शरीर पर लगाकर शिव का आह्वान करते हैं।
- ढोल-नगाड़ों की गूंज – इस दौरान घाट पर विशेष रूप से शिव भजनों और हर-हर महादेव के जयकारों की गूंज रहती है।
- गुलाल और भस्म की होली – यहां रंगों के साथ-साथ चिता भस्म भी उड़ाया जाता है, जिससे इस होली को ‘मसान होली’ कहा जाता है।
- भगवान शिव की बारात – कई स्थानों पर भगवान शिव की बारात निकाली जाती है, जिसमें भक्तजन रंग खेलते हैं और नृत्य करते हैं।
मसान होली का महत्व
इस होली को मनाने के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक संदेश छिपा है। ये परंपरा हमें मृत्यु के भय से मुक्त होकर जीवन को आनंद और भक्ति के साथ जीने की सीख देती है। काशी को मोक्ष नगरी माना जाता है, और यहां ये अनूठी होली मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र को स्वीकारने का प्रतीक है।
देश-दुनिया से आते हैं श्रद्धालु
मसान होली सिर्फ बनारस तक सीमित नहीं है, बल्कि देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु इसे देखने और इसमें शामिल होने के लिए आते हैं। कई फोटोग्राफर और डॉक्यूमेंट्री मेकर्स भी इसे अपने कैमरे में कैद करने पहुंचते हैं।
मसान होली बनाम पारंपरिक होली
जहां एक ओर भारत में होली प्रेम, भाईचारे और रंगों का उत्सव है, वहीं बनारस की मसान होली मृत्यु के सत्य को अपनाने और मोक्ष की ओर बढ़ने का पर्व है। ये बनारसी परंपराओं और शिव भक्ति की गहराई को दर्शाता है।
बनारस की मसान होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि शिवत्व की आराधना का एक अद्भुत रूप है। ये परंपरा बताती है कि बनारस सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और मोक्ष का जीवंत संगम है। अगर आपने अभी तक ये अनोखी होली नहीं देखी है, तो एक बार जरूर बनारस के मणिकर्णिका घाट की इस अलौकिक होली का अनुभव लें।