हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बिसावर गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 7 साल की एक बच्ची से रेप के आरोपी ने पुलिस हिरासत में बड़ी वारदात को अंजाम दिया। आरोपी, जिसे पहचाना गया है अमन (पुत्र चांद खां), को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान नगला टोडा के पास आरोपी ने बाथरूम जाने की बात कही। जब चौकी इंचार्ज बिसावर उसे बाथरूम ले जाने के लिए उतरे, तभी आरोपी ने उनकी सरकारी पिस्टल छीन ली और फायरिंग कर दी।
आरोपी ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग की, लेकिन गोली सरकारी गाड़ी पर जा लगी। इसके बाद पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें आरोपी के पैर में गोली लग गई। घायल आरोपी को जिला बागला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थाना सादाबाद पुलिस मामले की कानूनी कार्रवाई कर रही है।
7 साल की बच्ची से रेप
ये वारदात शनिवार रात को बिसावर कस्बे में हुई थी। 7 साल की बच्ची के साथ रेप की वारदात के बाद पुलिस ने आरोपी अमन खान को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया था। बच्ची का अभी अलीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के बाद इलाके में रोष फैल गया। गुस्साए लोगों ने बाजार बंद कर प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम बच्ची घर से सामान लेने के लिए बाजार गई थी। रास्ते में आरोपी ने उसे अगवा कर लिया और उसके साथ दरिंदगी की। इसके बाद आरोपी बच्ची को बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गया। जैसे ही परिवार को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने बच्ची को तुरंत अस्पताल में एडमिट कराया।
ऐसी घटना समाज के लिए कलंक
ये मामला न केवल समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, बल्कि युवाओं के लिए भी एक सीख है। ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठाना और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करना हम सभी की जिम्मेदारी है। साथ ही, ये घटना यह भी दिखाती है कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिस प्रक्रियाओं में सुधार की कितनी जरूरत है।
पीड़िता को मिलेगा न्याय
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और उसे हिरासत में ले लिया गया है। अब ये उम्मीद की जा रही है कि पीड़ित बच्ची को न्याय मिलेगा और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होगी। युवाओं को भी इस मामले से सीख लेते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए।
इस तरह की घटनाएं हमें ये याद दिलाती हैं कि हमें अपने आसपास के माहौल को सुरक्षित और संवेदनशील बनाने की जरूरत है। साथ ही, ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ देना और उन्हें न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना हमारा नैतिक कर्तव्य है।