WAFQ Board Bill आया, तो देश को शाहीन बाग बना देंगे- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

Waqf Board Bill Amendment 2025: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने खुली धमकी दी है। AIMPLB  के नेताओं ने शाहीन बाग की तर्ज पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है। इस विधेयक के खिलाफ सभाओं और विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई जा रही है। AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने जानकारी दी कि पहले से प्रस्तावित धरना, होली और संसद की छुट्टियों के कारण अब 17 मार्च को आयोजित किया जाएगा।

‘पूरे देश में करेंगे आंदोलन’

जब उनसे ये पूछा गया कि क्या शाहीन बाग की तरह लंबे समय तक प्रदर्शन किया जाएगा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ये विधेयक पारित हो जाता है, तो वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे, ठीक वैसे ही जैसे किसानों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से होगी। किसान आंदोलन की तरह हम भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे।”

मस्जिदों पर कब्जे की आशंका

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि ये विधेयक पारित हो जाता है, तो मस्जिदों पर कब्जे शुरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर सरकार मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई करती है, तो ये एक संवेदनशील मामला बन जाएगा। हमें याद रखना चाहिए कि बाबरी मस्जिद का मुद्दा 2019 तक चला था। हम नहीं चाहते कि फिर से ऐसा कोई विवाद पैदा हो।”

विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश

AIMPLB ने इस विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक दलों को भी शामिल करने की कोशिश की है। इलियास ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, डीएमके, आरएलडी और अकाली दल (बादल गुट) को न्योता भेजा है। उन्होंने कहा, “हमें सूचना मिली है कि कई विपक्षी दल हमारे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। हमने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात करने की कोशिश की थी, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हो पाई है। अगर मुलाकात होती है, तो हम उन्हें भी विरोध में शामिल होने का आग्रह करेंगे।”

आगे की रणनीति

AIMPLB ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत संघर्ष करेंगे। इलियास ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएंगे और जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि ये विरोध केवल किसी एक समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे देश के नागरिकों की आवाज है।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर AIMPLB का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। संगठन का कहना है कि यदि विधेयक पारित हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ेंगे। अब देखना ये होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और विपक्षी दल AIMPLB के इस विरोध में कितना साथ देते हैं।

154 किलो की मां के नीचे दबने से 10 साल के बच्चे की मौत, CCTV से…

इंडियाना के मिशिगन में एक दर्दनाक घटना में, एक 10 वर्षीय बच्चे की दुखद मृत्यु हो गई जब उसकी पालने वाली माँ ने उसे “मजाक” करने के लिए अपने 154 Kg के शरीर से दबा दिया। घटना में शामिल जेनिफर विल्सन ने पुलिस को बताया कि डकोटा स्टीवंस नामक बच्चा उस सुबह उनके घर से भाग गया था। जब वो उसे पड़ोसी के घर से वापस लाई, तो बच्चा अनुशासनहीन व्यवहार कर रहा था।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, विल्सन ने बताया कि 41 Kg वजन के डकोटा ने खुद को घर के सामने लॉन पर गिरा दिया था। उसी समय, वो उसके सहयोगी को फोन कर रही थी। गुस्से में आकर वो लड़के के ऊपर बैठ गई। इस दौरान डकोटा चिल्लाता रहा, लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी आवाज धीमी पड़ गई और वो हिलना बंद हो गया।

विल्सन ने पुलिस को बताया कि उसे लगा कि बच्चा चोट लगने का नाटक कर रहा है। लेकिन जब उसने उसे पलटा, तो पाया कि उसकी पलकें पीली पड़ चुकी थीं। कोर्मेंट पेश हलफनामे में कहा गया है कि जब पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, तो उन्होंने डकोटा की नब्ज चल नहीं रहीं थीं।  इस दौरान, विल्सन बच्चे को देखकर बहुत परेशान हो गईं।

डकोटा को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में असमर्थ रहे। दो दिन बाद, उसे लाइफ स्पोर्ट सिस्टम से हटा दिया गया। ये दुखद घटना उस समय हुई जब विल्सन को डकोटा की अभिभावक बने हुए मात्र एक महीना हुआ था।

अधिकारियों द्वारा जाँच के दौरान प्राप्त रिंग कैमरे की फुटेज में ये स्पष्ट रूप से देखा गया कि विल्सन लगभग 20 सेकंड तक डकोटा के सिर और गर्दन पर बैठी रही, जिससे उसके छोटे शरीर से जान निकल गई। वीडियो में उसकी हताश चीखें धीरे-धीरे शांत हो गईं। जब विल्सन को एहसास हुआ कि स्थिति गंभीर हो गई है, तो उसने अपने अन्य बच्चों में से एक को 911 पर कॉल करने के लिए कहा। फुटेज में उसे बार-बार डकोटा का नाम पुकारते और उसकी सांसें थमते हुए देखते हुए सुना जा सकता है।

अगर जेनिफर विल्सन को दोषी पाया जाता है, तो उसे छह साल की जेल की सजा हो सकती है। वो अपने घर में तीन अन्य बच्चों की भी देखभाल कर रही थी। घटना के बाद, बाल सेवा विभाग ने उसकी पालक माता-पिता की लाइसेंस को निलंबित कर दिया है और इसे स्थायी रूप से रद्द करने पर विचार किया जा रहा है।

ये दर्दनाक घटना पालक देखभाल प्रणाली की सुरक्षा और बच्चों के कल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करती है।

बनारस की मसान होली: जहां श्मशान में खेली जाती है रंगों की अनूठी होली

वाराणसी : भारत में होली के कई रंग हैं, लेकिन बनारस की मसान होली अपने अनोखे अंदाज के लिए मशहूर है। यहां होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि मृत्यु और जीवन के बीच का अद्भुत संगम है। ये अनूठी परंपरा काशी के मणिकर्णिका घाट पर होती है, जहां जलती चिताओं के बीच गुलाल उड़ता है और भूतभावन भगवान शिव के भक्त अनोखे अंदाज में ये पर्व मनाते हैं।

क्या है मसान होली?

मसान होली का आयोजन महाशिवरात्रि के बाद पड़ने वाली एकादशी को किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव खुद महाश्मशान वासी हैं और मृत्यु के इस सत्य को स्वीकार करना ही मोक्ष की ओर बढ़ने का मार्ग है। इसलिए, भक्त मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म और रंगों के साथ होली खेलते हैं।

कैसे होती है मसान होली?

  1. अघोरी साधुओं की अनूठी परंपरा – मसान होली में अघोरी साधु विशेष रूप से भाग लेते हैं। वे शव भस्म को शरीर पर लगाकर शिव का आह्वान करते हैं।
  2. ढोल-नगाड़ों की गूंज – इस दौरान घाट पर विशेष रूप से शिव भजनों और हर-हर महादेव के जयकारों की गूंज रहती है।
  3. गुलाल और भस्म की होली – यहां रंगों के साथ-साथ चिता भस्म भी उड़ाया जाता है, जिससे इस होली को ‘मसान होली’ कहा जाता है।
  4. भगवान शिव की बारात – कई स्थानों पर भगवान शिव की बारात निकाली जाती है, जिसमें भक्तजन रंग खेलते हैं और नृत्य करते हैं।
मसान होली का महत्व HCN News

मसान होली का महत्व

इस होली को मनाने के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक संदेश छिपा है। ये परंपरा हमें मृत्यु के भय से मुक्त होकर जीवन को आनंद और भक्ति के साथ जीने की सीख देती है। काशी को मोक्ष नगरी माना जाता है, और यहां ये अनूठी होली मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र को स्वीकारने का प्रतीक है।

देश-दुनिया से आते हैं श्रद्धालु

मसान होली सिर्फ बनारस तक सीमित नहीं है, बल्कि देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु इसे देखने और इसमें शामिल होने के लिए आते हैं। कई फोटोग्राफर और डॉक्यूमेंट्री मेकर्स भी इसे अपने कैमरे में कैद करने पहुंचते हैं।

मसान होली बनाम पारंपरिक होली

जहां एक ओर भारत में होली प्रेम, भाईचारे और रंगों का उत्सव है, वहीं बनारस की मसान होली मृत्यु के सत्य को अपनाने और मोक्ष की ओर बढ़ने का पर्व है। ये बनारसी परंपराओं और शिव भक्ति की गहराई को दर्शाता है।

बनारस की मसान होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि शिवत्व की आराधना का एक अद्भुत रूप है। ये परंपरा बताती है कि बनारस सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और मोक्ष का जीवंत संगम है। अगर आपने अभी तक ये अनोखी होली नहीं देखी है, तो एक बार जरूर बनारस के मणिकर्णिका घाट की इस अलौकिक होली का अनुभव लें।

बरसाने की होली क्यों है इतनी फेमस ?, कैसी होती है बरसाने की लट्ठमार होली

Barsana Holi Festivle 2025: होली का त्योहार भारत के हर कोने में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन जब बात ब्रजभूमि की हो, तो इसका रंग और भी निराला हो जाता है। खासतौर पर बरसाने की लट्ठमार होली दुनिया भर में मशहूर है। ये न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी और ब्रज की पारंपरिक संस्कृति का जीवंत प्रतीक भी है।

बरसाने की होली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

बरसाना, भगवान श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा जी का जन्मस्थान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ नंदगांव से बरसाना आते थे और राधा व उनकी सखियों के साथ होली खेलते थे, तब राधा की सखियां उनकी छेड़छाड़ का जवाब लाठियों से देती थीं। इस परंपरा को ही आज ‘लट्ठमार होली’ के रूप में मनाया जाता है।

कैसे मनाई जाती है बरसाने की लट्ठमार होली?

बरसाने की होली का उत्सव कई दिनों तक चलता है। इसमें विशेष रूप से दो प्रमुख दिन होते हैं:

  1. लड्डू मार होली (होली खेलने की शुरुआत) – ये उत्सव राधा रानी के मंदिर में होता है, जहां भक्त गुलाल उड़ाते हैं और एक-दूसरे को लड्डू खिलाते हैं।
  2. लट्ठमार होली – इस दिन नंदगांव के पुरुष बरसाना आते हैं और राधा की सखियां उन पर लाठियां बरसाती हैं। पुरुष ढाल लेकर खुद को बचाने की कोशिश करते हैं, और ये दृश्य देखने लायक होता है।

होली के इस अनोखे अंदाज की खास बातें

  • राधा-कृष्ण के प्रेम की झलक: ये केवल रंगों का नहीं, बल्कि भक्ति और प्रेम का उत्सव है, जहां हर कोई खुद को श्रीकृष्ण और राधा की भक्ति में रंगा हुआ महसूस करता है।
  • भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की भीड़: इस अनोखी होली को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग यहां आते हैं।
  • महिलाओं का विशेष अधिकार: लट्ठमार होली में महिलाओं को पुरुषों पर लाठियां बरसाने का मौका मिलता है, जो समाज में महिलाओं की शक्ति और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
  • गुलाल और अबीर का अद्भुत संगम: यहां रंगों की ऐसी धूम होती है कि पूरा वातावरण कृष्ण भक्ति में रंग जाता है।

बरसाने की होली का पर्यटन और आर्थिक पहलू

हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस ऐतिहासिक त्योहार का हिस्सा बनने के लिए बरसाना पहुंचते हैं। इससे स्थानीय व्यापारियों को काफी लाभ होता है। होटल, रेस्टोरेंट, फूलों और रंगों की दुकानें, लोकगीत गायकों और कलाकारों को रोजगार मिलता है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।

कैसे पहुंचे बरसाना?

बरसाना, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित है और दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 150 किमी है।

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन
  • निकटतम हवाई अड्डा: आगरा या दिल्ली
  • सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए मथुरा से बसें और टैक्सी उपलब्ध रहती हैं।

बरसाने की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और परंपरा का संगम है। ये त्योहार हर वर्ष राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम को जीवंत करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की अद्भुत झलक भी प्रस्तुत करता है। अगर आपने अब तक बरसाने की लट्ठमार होली नहीं देखी, तो इस बार जरूर यहां का रुख करें और इस अनोखे त्योहार का हिस्सा बनें।

ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम को कितना पैसा मिलता है?

ICC Champions Trophy Winner Prize Money 2025:क्रिकेट की दुनिया में आईसीसी (ICC) द्वारा आयोजित टूर्नामेंट्स का अलग ही महत्व होता है। इन्हीं में से एक बड़ा टूर्नामेंट है आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy), जिसे ‘मिनी वर्ल्ड कप’ भी कहा जाता है। इस टूर्नामेंट में केवल शीर्ष क्रिकेट टीमें हिस्सा लेती हैं और ट्रॉफी जीतने वाली टीम को बड़ी इनामी राशि दी जाती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम को क्या मिलता है ? आज हम यही जानेंगे कि ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम को कितनी प्राइज मनी मिलती है और रनर-अप व अन्य टीमों को क्या इनाम मिलता है।

ICC चैंपियंस ट्रॉफी की इनामी राशि

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की इनामी राशि हर बार टूर्नामेंट के अनुसार बदलती रहती है। पिछली बार जब ये टूर्नामेंट 2017 में हुआ था, तब विजेता टीम को 2.2 मिलियन डॉलर (करीब 18 करोड़ रुपये) की इनामी राशि मिली थी। वहीं, रनर-अप टीम को 1.1 मिलियन डॉलर (करीब 9 करोड़ रुपये) मिले थे।

आईसीसी ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इनामी राशि और भी ज्यादा कर दी है। ये राशि अब तक की सबसे बड़ी राशि है। इतना ही नहीं ये इतनी बड़ी राशि है कि कई देशों का क्रिकेट बजट भी इसके सामने काफी कम है। हम आपको इस बार की इनामी राशि बताएं उससे पहले पिछले कुछ इनाम की बात करते हैं।

2017 ICC चैंपियंस ट्रॉफी में कितनी थी इनामी राशि?

2017 में खेले गए ICC चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ICC ने कुल 4.5 मिलियन डॉलर (करीब 37 करोड़ रुपये) की प्राइज मनी तय की थी। इसकी पूरी डिटेल कुछ इस प्रकार थी:

  • विजेता (Winner) – पाकिस्तान: $2.2 मिलियन (करीब 18 करोड़ रुपये)
  • रनर-अप (Runner-up) – भारत: $1.1 मिलियन (करीब 9 करोड़ रुपये)
  • सेमीफाइनल हारने वाली टीमें: $450,000 (करीब 3.7 करोड़ रुपये) प्रति टीम
  • ग्रुप स्टेज से बाहर होने वाली टीमें: $87,500 (करीब 72 लाख रुपये) प्रति टीम

2025 चैंपियंस ट्रॉफी की प्राइज मनी कितनी हो सकती है?

आईसीसी आमतौर पर हर बड़े टूर्नामेंट के लिए इनामी राशि में इजाफा करता है। 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की प्राइज मनी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये 5 से 6 मिलियन डॉलर (करीब 45 से 50 करोड़ रुपये) तक हो सकती है।

अगर ICC 2025 के टूर्नामेंट में इनामी राशि बढ़ाता है, तो विजेता टीम को लगभग 20-22 करोड़ रुपये तक की धनराशि मिलने की संभावना है। वहीं, रनर-अप को भी 10 करोड़ से ज्यादा की रकम मिल सकती है।

चैंपियंस ट्रॉफी का महत्व क्यों है?

  • ये आईसीसी के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में से एक है, जिसमें सिर्फ टॉप-8 टीमें ही हिस्सा लेती हैं।
  • इस टूर्नामेंट का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह लंबे समय बाद (2017 के बाद) 2025 में वापसी कर रहा है।
  • इसमें कम मैच होते हैं, लेकिन हर मैच हाई-स्टेक और रोमांचक होता है।
  • विजेता टीम को न केवल ट्रॉफी और धनराशि मिलती है, बल्कि उसकी रैंकिंग और सम्मान भी बढ़ता है।

कहां होगी 2025 चैंपियंस ट्रॉफी?

आईसीसी ने घोषणा की है कि 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान करेगा। ये पहली बार होगा जब पाकिस्तान इतनी बड़ी ICC प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंधों के कारण ये टूर्नामेंट विवादों में भी है।

ICC चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बेहद खास टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट की इनामी राशि समय-समय पर बढ़ती रहती है और 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भी बड़ी प्राइज मनी देखने को मिल सकती है। क्रिकेट फैंस को उम्मीद है कि ये टूर्नामेंट जबरदस्त रोमांच और प्रतिस्पर्धा से भरा रहा।

इस्लाम में रमजान क्या होता है ? रमजान में रोजा क्यों रखा जाता है?

What is Ramadan in Islam: रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा (उपवास) रखते हैं। ये महीना केवल भोजन और पानी से परहेज करने का समय नहीं है, बल्कि ये आध्यात्मिक शुद्धि, आत्म-अनुशासन और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

रमजान के दौरान, रोजेदार सूरज निकलने से पहले (सहरी) से लेकर सूरज डूबने के बाद (इफ्तार) तक बिना कुछ खाए-पिए उपवास रखते हैं। रोजा रखने की परंपरा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। आइए, जानते हैं कि रमजान में रोजा क्यों रखा जाता है और इसके पीछे क्या कारण हैं।

1. धार्मिक महत्व: रोजा क्यों रखा जाता है?

इस्लाम धर्म में रोजा को ईमान और इबादत का सबसे बड़ा जरिया माना जाता है। इसे पाँच मुख्य स्तंभों (Five Pillars of Islam) में से एक माना गया है। कुरान और हदीस में रोजे का खास महत्व बताया गया है।

1.1 अल्लाह का आदेश

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रोजा रखना अल्लाह का आदेश है, जो हर सक्षम मुस्लिम को पूरा करना चाहिए। कुरान शरीफ में कहा गया है
“रोजा तुम्हारे लिए अनिवार्य किया गया है, जैसे तुमसे पहले लोगों के लिए किया गया था, ताकि तुम तक़वा (धर्मपरायणता) प्राप्त कर सको।” (सूरह अल-बकराह 2:183)

1.2 आत्मसंयम और आत्मशुद्धि

रोजा केवल खाने-पीने से परहेज नहीं, बल्कि बुरी आदतों, गलत विचारों और गुस्से पर नियंत्रण रखने का तरीका है। इस दौरान लोग झूठ, गपशप, लालच और बुरी सोच से बचने का प्रयास करते हैं।

1.3 ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की मदद

रोजा रखने से भूख और प्यास का एहसास होता है, जिससे इंसान को गरीबों और जरूरतमंदों की तकलीफों का अहसास होता है। यही कारण है कि रमजान में दान (जकात) और मदद (सदका) देने की परंपरा है।

2. रोजा का वैज्ञानिक महत्व

रोजा केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य के नजरिए से भी फायदेमंद माना जाता है।

2.1 डिटॉक्सिफिकेशन (शरीर की शुद्धि)

रोजे के दौरान लंबे समय तक भोजन और पानी से परहेज करने से शरीर में जमा टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) बाहर निकल जाते हैं, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।

2.2 वजन नियंत्रण और फैट बर्निंग

उपवास से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और शरीर में जमा अतिरिक्त फैट कम होने लगता है। ये वजन घटाने और डायबिटीज जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है

2.3 मानसिक शांति और फोकस

रोजा रखने से मस्तिष्क के न्यूरॉन्स अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है और मानसिक शांति मिलती है। ये तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होता है।

2.4 इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

रोजा के दौरान शरीर के पुराने और कमजोर सेल्स नष्ट होते हैं और नए स्वस्थ सेल्स बनते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

3. रमजान के दौरान रोजा रखने के नियम

रमजान में रोजा रखने के कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन किया जाता है –
सहरी (Sehri): सुबह फज्र (सूर्योदय) से पहले हल्का भोजन करना।
इफ्तार (Iftar): सूरज डूबने के बाद रोजा खोलना। आमतौर पर खजूर और पानी से रोजा खोला जाता है।
नमाज और दुआ: रमजान के दौरान पाँचों वक्त की नमाज पढ़ना और तरावीह की नमाज अदा करना
बुरे कर्मों से बचना: गुस्सा, झूठ, बुराई, झगड़ा, अपशब्द आदि से दूर रहना।

4. कौन लोग रोजा नहीं रख सकते?

इस्लाम में कुछ परिस्थितियों में रोजा छोड़ने की छूट दी गई है। जो लोग रोजा नहीं रख सकते, उन्हें बाद में इसकी भरपाई (क़ज़ा) करनी होती है या फिर किसी जरूरतमंद को भोजन कराना होता है।

बीमार व्यक्ति
गर्भवती महिलाएं
छोटे बच्चे
बहुत बुजुर्ग लोग
यात्रा पर गए लोग (मुसाफिर)

निष्कर्ष: रोजा क्यों रखा जाता है?

रोजा रखना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का एक जरिया है। यह धैर्य, संयम, सहानुभूति और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना को बढ़ाता है। साथ ही, वैज्ञानिक रूप से भी रोजा शरीर के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह डिटॉक्सिफिकेशन, वजन नियंत्रण और मानसिक शांति में मदद करता है।

रमजान का महीना संयम, दुआ और परोपकार का समय होता है। इसलिए, जो लोग रोजा रखते हैं, वे न केवल अल्लाह की इबादत करते हैं, बल्कि स्वस्थ जीवन और समाज सेवा के मार्ग पर भी चलते हैं।

इमरान खान ने लगाया था आम का पौधा, 3 साल बाद बना नीम का पेड़

पाकिस्तान से अक्सर अजीबोगरीब घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, उसने देश को इंटरनेशनल लेवल पर शर्मिंदा कर दिया है। ये मामला पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़ा है और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

दरअसल, जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए कई पौधे लगाए थे। इसी कड़ी में, 26 अप्रैल 2021 को उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान एक पौधा रोपा था। ये पौधा आम का बताया गया था, और इसके पास एक बड़ा बोर्ड भी लगाया गया था।

इस बोर्ड पर लिखा था “Mango Tree (Mangifera Indica)”। इसके अलावा, बोर्ड पर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि ये पौधा इमरान खान, प्रधानमंत्री, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान द्वारा लगाया गया है।

लेकिन अब, तीन साल बाद, इस पौधे को लेकर एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। जो पौधा आम का बताया गया था, वो अब बढ़कर एक नीम के पेड़ में बदल गया है! इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, और लोग इस घटना का खूब मजाक उड़ा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान का मजाक

जैसे ही इस घटना की तस्वीरें इंटरनेट पर आईं, पाकिस्तानियों समेत दुनियाभर के लोगों ने इस पर चुटकी लेना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि “यह सिर्फ पाकिस्तान में ही हो सकता है, जहां आम का पौधा लगाने के बाद नीम का पेड़ निकल आता है!”

कुछ लोगों ने लिखा कि पाकिस्तान में जो भी बोया जाता है, वो कुछ और ही बनकर सामने आता है। एक यूजर ने व्यंग्य करते हुए कहा, “पाकिस्तान की राजनीति की तरह यहां के पेड़ भी बदल जाते हैं!” वहीं, कुछ लोगों ने इसे पाकिस्तान की योजनाओं की विफलता का प्रतीक बताया।

पाकिस्तान के लिए एक और शर्मिंदगी

ये घटना पाकिस्तान के लिए एक और अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का कारण बन गई है। पहले भी कई बार पाकिस्तान सरकार की योजनाओं पर सवाल उठे हैं, लेकिन इस बार मामला इतना हास्यास्पद है कि दुनिया भर में इसकी चर्चा हो रही है।

आखिर, आम का पौधा लगाकर नीम कैसे उग सकता है? क्या ये प्रशासन की लापरवाही है, या फिर सच में कोई बड़ी गलती हुई है? ये सवाल अब हर किसी की जुबान पर है।

आपकी राय क्या है ?

आपको क्या लगता है, ये घटना पाकिस्तान की एक और बड़ी नाकामी का उदाहरण है या फिर सिर्फ एक मजेदार संयोग? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं!

गुरु रंधावा के साथ हुआ बड़ा हादसा, अस्पताल में चल रहा इलाज

पंजाबी सिंगर-एक्टर गुरु रंधावा हाल ही में एक हादसे का शिकार हो गए। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह अस्पताल के बिस्तर पर लेटे नजर आ रहे हैं। उनकी गर्दन में सर्वाइकल कॉलर लगा हुआ है, सिर पर पट्टी बंधी है और चेहरे पर चोट के निशान दिख रहे हैं। यह चोट उन्हें अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग के दौरान स्टंट करते समय लगी। हालांकि, फिलहाल उनकी सेहत में सुधार हो रहा है।

गुरु रंधावा अपनी आने वाली फिल्म ‘शौंकी सरदार’ की शूटिंग कर रहे थे, जब स्टंट के दौरान यह हादसा हुआ। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरा पहला स्टंट, मेरी पहली चोट, लेकिन मेरा हौसला बरकरार है। ‘शौंकी सरदार’ फिल्म के सेट से एक यादगार पल। एक्शन करना बेहद मुश्किल है, लेकिन अपने दर्शकों के लिए मैं पूरी मेहनत करूंगा।” उनकी इस पोस्ट ने फैंस को चिंता में डाल दिया है।

गुरु रंधावा की इस खबर पर सेलेब्रिटी दोस्तों और फैंस ने जमकर प्रतिक्रिया दी। मृणाल ठाकुर ने हैरानी जताते हुए लिखा, “क्या?” वहीं, अनुपम खेर ने उन्हें हिम्मत देते हुए लिखा, “आप सबसे अच्छे हैं। जल्द ही ठीक हो जाओगे।” सिंगर मीका सिंह ने भी गुरु के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा, “जल्द ठीक हो जाओ।” इसके अलावा, भारती सिंह और ओरहान अवत्रमणि सहित कई अन्य हस्तियों ने भी शुभकामनाएं दीं।

फैंस ने भी उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ की और कमेंट्स में लिखा कि उन्हें अपने स्टंट्स में इतना जोखिम नहीं उठाना चाहिए। एक फैन ने लिखा, “हमें आपके म्यूजिक से ही खुशी मिलती है, आपको खुद को इतना जोखिम में डालने की जरूरत नहीं है। बस जल्दी ठीक हो जाइए।”

गुरु रंधावा की मच-अवेटेड फिल्म ‘शौंकी सरदार’ में वह निमरत अहलूवालिया के साथ नजर आएंगे। यह फिल्म प्यार, वफादारी और सांस्कृतिक गौरव की एक मार्मिक कहानी को दर्शाने का वादा करती है। इस फिल्म का निर्माण गुरु रंधावा के प्रोडक्शन हाउस 751 फिल्म्स के बैनर तले हुआ है और इसका निर्देशन धीरज रतन ने किया है। फैंस इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो अगले साल रिलीज होगी।

हाल ही में, गुरु रंधावा ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी भी लगाई थी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह संगम में स्नान करते, नाव की सवारी का आनंद लेते और शाम की आरती में शामिल होते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने फैंस के साथ सेल्फी भी क्लिक की, जिससे उनके प्रशंसक बेहद खुश नजर आए।

गुरु रंधावा का यह हादसा निश्चित रूप से उनके फैंस के लिए चिंता का विषय बन गया है, लेकिन उनकी हिम्मत और जज्बे को देखते हुए यह साफ है कि वह जल्द ही ठीक होकर फिर से अपने दर्शकों के सामने धमाकेदार अंदाज में लौटेंगे।

PM Modi ने खोल दिया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पर्चा, हंसते हुए क्या बोले मोदी ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने बागेश्वर धाम में कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर का डिजिटल शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काफी समय से देश में Unity का संदेश फैलाने का काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की माता जी से भी मुलाकात की।

शादी पर आई चर्चा

मंच से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मजाकिया अंदाज में कहा, “जब पीएम मोदी मेरी माता जी से मिल रहे थे तो उन्होंने कहा कि माता जी, हम आपकी पर्ची खोल रहे हैं। आपको लग रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री की शादी हो जाए। हमारी बारात में आप भले ही न आएं… लेकिन जब हमने माता जी के प्रति पीएम मोदी का सम्मान देखा, तो ये बहुत भावुक पल था।

माननीय प्रधानमंत्री माता जी के लिए शॉल लेकर आए थे। इसके अलावा, उनके नाम पर इस अस्पताल में एक विशेष वॉर्ड भी बनाया जाएगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप सत्ता में बने रहें ताकि भारत का विकास इसी तरह जारी रहे।”

पीएम मोदी का बागेश्वर धाम से कनेक्शन

पीएम मोदी ने कहा, “बहुत कम समय में मुझे दूसरी बार वीरों की भूमि बुंदेलखंड आने का सौभाग्य मिला है और इस बार तो बालाजी का बुलावा आया है। ये संस्थान 10 एकड़ में बनेगा और पहले चरण में 100 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। इस पुनीत कार्य के लिए मैं धीरेंद्र शास्त्री को बधाई देता हूं और बुंदेलखंड के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। ये सिर्फ एक हॉस्पिटल नहीं होगा बल्कि यहां भजन, भोजन और हेल्दी लाइफ का आशीर्वाद भी मिलेगा।”

बुंदेलखंड के विकास पर जोर

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बुंदेलखंड के विकास को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “पिछली बार जब मैं छतरपुर आया था तो हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। आपको याद होगा कि इसमें 45,000 करोड़ रुपये की केन-बेतवा लिंक परियोजना भी शामिल थी।

ये प्रोजेक्ट दशकों से रुका हुआ था। कई सरकारें आईं और गईं, हर पार्टी के नेता बुंदेलखंड आते थे लेकिन पानी की समस्या जस की तस बनी रही। पिछली किसी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए, लेकिन जब आपने मोदी को Blessing दी, तब यह काम शुरू हुआ।”

प्रधानमंत्री के इस दौरे से बुंदेलखंड के लोगों में एक नई उम्मीद जगी है। पीएम मोदी के विजन और धीरेंद्र शास्त्री के प्रयासों से क्षेत्र में विकास को और मजबूती मिलेगी। अब आने वाले समय में यह देखना होगा कि ये प्रोजेक्ट कितनी तेजी से आगे बढ़ता है और लोगों को इसका कितना फायदा मिलता है।

2 लाख नौकरियों का ऐलान, इस राज्य के युवाओं की चमकी किस्मत!

Job in Rajasthan 2025: राजस्थान सरकार ने बजट 2025 में युवाओं और छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इस बार सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की भरमार होगी। सरकार ने 1.25 लाख सरकारी भर्तियों और 1.5 लाख प्राइवेट जॉब्स का ऐलान किया है। इसके अलावा, रोजगार नीति भी लाई जाएगी, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

सरकारी नौकरियों पर बड़ा ऐलान

  • पेयजल विभाग में 1,050 टेक्निकल पदों पर भर्ती होगी।
  • वेटनरी सेक्टर में 100 वेटनरी डॉक्टर और 1,000 वेटनरी इंस्पेक्टर की भर्ती की जाएगी।
  • पुलिस विभाग में 3,500 नए पुलिसकर्मियों की नियुक्ति होगी।
  • अग्निवीरों को पुलिस, जेल, वन विभाग और फायर सर्विसेज में आरक्षण मिलेगा।

स्टार्टअप्स और युवाओं के लिए खास योजनाएं

  • स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 750+ स्टार्टअप्स को फंड मिलेगा।
  • हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में स्टार्टअप्स के लिए हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें बेहतर नेटवर्किंग और सुविधाएं मिल सकें।
  • युवाओं के लिए रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा, जहां कैंपस प्लेसमेंट इंटरव्यू भी होंगे।
  • नए इंवेस्टमेंट में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा निवेश

  • कोटा में ₹150 करोड़ की लागत से विश्वकर्मा स्किल इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी, जिससे युवाओं को आधुनिक कौशल की ट्रेनिंग मिलेगी।
  • स्कूलों और कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिले।
  • 1,500 स्कूलों में “अटल टिंकरिंग लैब” स्थापित किए जाएंगे, जिससे स्टूडेंट्स को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की ट्रेनिंग मिलेगी।
  • कालाबाई योजना के तहत 35,000 स्कूटियां बांटी जाएंगी, जिससे छात्राओं को आवागमन में सुविधा मिलेगी।

महिला सशक्तिकरण और किसान कल्याण

  • महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।
  • किसानों के लिए बिजली आपूर्ति में सुधार की घोषणाएं की गई हैं, जिससे खेती को अधिक सुविधा मिलेगी।
  • जिला स्तर पर मेडिकल सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकें।

पर्यटन और फिल्म सिटी की सौगात

  • राजस्थान में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • राज्य में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा भी की गई है, जिससे राजस्थान में फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर खुलेंगे।

राजस्थान सरकार का ये बजट युवाओं, छात्रों और रोजगार चाहने वालों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के साथ-साथ शिक्षा, स्टार्टअप्स और महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े ऐलान किए गए हैं। अगर सरकार अपनी घोषणाओं को सही तरीके से लागू करती है, तो राजस्थान में युवाओं के लिए भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।

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