AIIMS में AI से होगा मरीजों का इलाज, मिलेगी ये मदद

Aiims Delhi HCN News

Aiims Delhi HCN News

AIIMS दिल्ली, देश का प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान, मरीजों की सहूलियत और मेडिकल फील्ड में इनोवेशन के लिए लगातार काम कर रहा है। जल्द ही यहां कई नई सुविधाएं और सेवाएं शुरू होंगी, जो मरीजों के इलाज को और भी आसान और प्रभावी बनाएंगी।

200 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक होगा लॉन्च

डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास ने बताया कि जल्द ही एम्स के ट्रॉमा सेंटर कैंपस में 200 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) तैयार होगा। ये यूनिट एडवांस मेडिकल इक्विपमेंट्स से लैस होगी और गंभीर हालत वाले मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभाएगी। हालांकि, इस यूनिट को पूरी तरह तैयार होने में करीब दो साल का वक्त लग सकता है।

AI से हेल्थकेयर में इनोवेशन

मेडिकल फील्ड में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। एम्स अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर रहा है, जिससे मरीजों के इलाज और प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा। AI आधारित सिस्टम हेल्थकेयर को और efficient और patient-centric बना रहे हैं।

सेफ्टी और सिक्योरिटी को नया लेवल

एम्स में 200 फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगाए गए हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेंगे। पूरे कैंपस में पहले से ही 2800 कैमरे लगे हैं। नए कैमरों की परफॉर्मेंस को दो महीने तक मॉनिटर किया जाएगा, जिसके बाद इनकी संख्या बढ़ाने पर विचार होगा।

बेड्स और ऑपरेशन थिएटर की संख्या में इजाफा

एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऑपरेशन थिएटर की संख्या 50% और आईसीयू बेड्स की संख्या 40% तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा, 34% inpatient बेड्स, 20% radiology services, और 15% laboratory services में भी इजाफा किया गया है।

बच्चों के लिए एयरपोर्ट जैसे वेटिंग लाउंज

2025 तक एम्स बच्चों के लिए खास सुविधाएं जैसे एयरपोर्ट जैसे लाउंज, प्ले एरिया और लाइब्रेरी शुरू करेगा। येोोो देश का पहला मेडिकल इंस्टिट्यूट है, जो 100% पेपरलेस हो चुका है, जिससे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का उदाहरण पेश करता है।

रेफरल सिस्टम: मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज

एम्स डायरेक्टर के अनुसार, रेफरल सिस्टम की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत बिहार से आने वाले मरीज पहले पटना एम्स में रेफर किए जाएंगे। अगर वहां इलाज संभव नहीं है, तो उन्हें दिल्ली एम्स भेजा जाएगा। इस सिस्टम के लिए एक खास सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिससे इलाज का प्रोसेस और भी streamlined होगा।

हर साल 50 लाख मरीजों का इलाज

एम्स दिल्ली में हर साल करीब 50 लाख मरीज आते हैं। फिलहाल यहां 3600 बेड हैं, लेकिन मरीजों की संख्या को देखते हुए ये संख्या और बढ़ाई जा रही है। इमरजेंसी में रोजाना 700-800 मरीज इलाज के लिए आते हैं।

फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती जारी

एम्स में 20-30% फैकल्टी की कमी है। इसे पूरा करने के लिए वैकेंसीज़ और कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ की भर्तियां की जा रही हैं। इंटरव्यू और अन्य प्रोसेस पहले ही शुरू हो चुके हैं।

एम्स दिल्ली न केवल अपनी सुविधाओं को बढ़ा रहा है, बल्कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए मरीजों को बेहतरीन हेल्थकेयर सेवाएं देने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। ये बदलाव न केवल मरीजों की सुविधा के लिए है, बल्कि हेल्थकेयर सेक्टर में एक नई मिसाल भी स्थापित करेगा।

Exit mobile version