पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां रविवार को दिल्ली के मजनू का टीला गुरुद्वारे में लाई गईं, जहां शबद कीर्तन, पाठ और अरदास के बाद उनके परिजनों ने अस्थियां यमुना नदी में विसर्जित कीं। Congress ने एक्स (Twitter) पर इस प्रक्रिया का एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, “भारत मां के सपूत और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की अस्थियां पूरे विधि-विधान से यमुना घाट पर विसर्जित की गईं। हम उनकी देश सेवा, समर्पण और सहजता को हमेशा याद रखेंगे। सादर नमन।”
BJP Leader’s Criticism on Congress Absence
हालांकि, BJP नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि अस्थि विसर्जन के दौरान Congress का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था। सिरसा ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी जैसे सम्मानित नेता के अस्थि विसर्जन में गांधी परिवार और कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति दुखद है। ये Congress की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाता है।”
Manmohan Singh’s Legacy and Passing
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को AIIMS, दिल्ली में 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को निगमबोध घाट पर किया गया। उनकी मृत्यु पर भारत और दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
Congress vs BJP Over Memorial Issue
Congress ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए उचित सम्मान नहीं दिया। पार्टी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से दिल्ली में एक स्मारक के लिए भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया था, लेकिन ये अब तक पूरा नहीं हुआ। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने Congress पर पूर्व प्रधानमंत्री के निधन को politicize करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, “डॉ. मनमोहन सिंह के समय में कांग्रेस ने कभी उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया। अब वे स्मारक मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।”
नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार स्मारक के लिए ट्रस्ट का गठन कर रही है, और इस प्रक्रिया में समय लग सकता है। ये प्रकरण न केवल एक महान नेता के योगदान को याद करने का अवसर है, बल्कि इसे लेकर उभरे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने इस विषय को और संवेदनशील बना दिया है।