केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के बयान से कश्मीर के नाम को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है। गुरुवार (2 जनवरी) को ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “ये संभव है कि कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर पड़ा हो, क्योंकि इसे कश्यप की भूमि के नाम से भी जाना जाता है।”
ऐतिहासिक तथ्यों पर जोर
अमित शाह ने कार्यक्रम में इतिहासकारों से अपील की कि वे इतिहास को प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर लिखें। उन्होंने कहा, “150 साल का एक दौर था जब इतिहास दिल्ली तक ही सीमित रहा। वो समय शासकों को खुश करने का था, लेकिन अब इतिहास को मुक्त करने का समय है।”
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे हजारों साल पुराने इतिहास को तथ्यों के साथ संजोने की आवश्यकता है।
अनुच्छेद 370 पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 और 35-ए का जिक्र करते हुए कहा कि इन प्रावधानों ने कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में बाधा उत्पन्न की। उन्होंने कहा, “आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर का विकास तेज हुआ है।”
अमित शाह ने दावा किया कि आर्टिकल 370 के कारण कश्मीर में अलगाववाद की स्थिति पैदा हुई, जो बाद में आतंकवाद में बदल गई।
विकास के नए आयाम
गृहमंत्री ने ये भी कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास को सही तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर प्रस्तुत किया जाए, ताकि भारत का गौरवशाली अतीत लोगों तक पहुंचे।