पूरे देश में योगी सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (One District One Product) योजना की काफी तारीफ हो रही है। क्योंकि इस योजना ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक नया आयाम जोड़ा है। इस योजना का मकसद हर जिले के खास उत्पाद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
Chief Minister Yogi Adityanath की इस महत्वाकांक्षी योजना ने न केवल स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त किया है, बल्कि ‘Make in India’ अभियान को भी मजबूत किया है। बड़ी बात ये है कि, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आजादी के समय से कुछ न कुछ खास उत्पाद बनाया जाता था। लेकिन सरकार की अनदेखी और समय के चलते ये खासियत खोती जा रही थी। लेकिन योगी सरकार ने फिर से इन उत्पादों को नई पहचान दिलाने का काम किया है।
ODOP का मकसद ?
ODOP योजना का मुख्य मकसद हर जिले के पारंपरिक और अनोखे उत्पादों को प्रमोट करना है। ये पहल न केवल लोकल इकोनॉमी को बूस्ट करती है, बल्कि वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) का बेहतरीन उदाहरण भी पेश करती है। इसके तहत जिले के कारीगरों और छोटे उद्यमियों को modern technology, marketing strategies और financial support प्रदान किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के हर जिले का एक विशेष उत्पाद होता है। जैसे-
वाराणसी: बनारसी साड़ी
कानपुर: लेदर उत्पाद
भदोही: कालीन
लखनऊ: चिकनकारी
मेरठ: खेल का सामान
इन उत्पादों को न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी प्रमोट किया जा रहा है। ODOP ने उत्तर प्रदेश के उत्पादों को global markets में एक पहचान दी है।
योजना के अंतर्गत सुविधाएं
इस योजना के तहत कारीगरों और उद्यमियों को निम्नलिखित लाभ दिए जाते हैं:
Financial Assistance: बैंक लोन और सब्सिडी।
Skill Development: प्रशिक्षण कार्यक्रम।
Market Access: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय exhibitions में भागीदारी।
E-commerce Support: Amazon और Flipkart जैसी online platforms पर प्रोडक्ट्स की लिस्टिंग।
सफलता की कहानियां
ODOP योजना के कारण लाखों लोगों को रोजगार मिला है। कई महिलाओं को self-reliant बनने का मौका मिला। उदाहरण के तौर पर, भदोही के कालीन उद्योग ने पिछले साल 200 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया। ये योजना ग्रामीण क्षेत्रों में भी नए opportunities पैदा कर रही है।